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बड़ा झटकाः बीयर के दामों में सरकार ने की बढ़ौतरी

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हैदराबाद : बीयर पीने के शौकीनों को सरकार ने बड़ा झटका दिया है। दरअसल, सरकार ने बीयर की कीमतों में 15 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है। यह निर्णय ब्रूअर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) के अनुरोध के बाद और यूनाइटेड ब्रूअरीज लिमिटेड की आपूर्ति रोकने के बाद आया है। 8 जनवरी को यूनाइटेड ब्रूअरीज लिमिटेड (यूबीएल) ने घोषणा की कि उसने तेलंगाना बेवरेजेज कॉरपोरेशन को अपनी बीयर की आपूर्ति तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का फैसला किया है। यूबीएल ने एक नियामकीय सूचना में कहा कि यह निर्णय वर्ष 2019-20 से कंपनी की बीयर की कीमतों में संशोधन न करने के कारण राज्य में हुए भारी नुकसान के कारण लिया गया हे।

इसके अतिरिक्त, यूबीएल ने दावा किया कि टीजीबीसीएल पर पिछली बीयर आपूर्ति के लिए काफी बकाया है। हालांकि, इस बारे में किसी विशेष विवरण का खुलासा नहीं किया गया। यूनाइटेड ब्रूअरीज ने बाद में आपूर्ति फिर से शुरू कर दी। राज्य सरकार के निर्णय का स्वागत करते हुए, बीएआई ने मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी से बीयर उद्योग के भीतर लंबित मुद्दों को हल करने का आग्रह किया। ख़बरों के मुताबिक, उत्पाद शुल्क विभाग ने यह फ़ैसला मूल्य निर्धारण समिति की सिफ़ारिश के बाद लिया है। समिति ने 15% से 19% तक कीमतें बढ़ाने का सुझाव दिया था। इस बदलाव से 48 अलग-अलग तरह की बीयर की कीमतें बढ़ गई हैं।

अगर आप सिंगल बोतल खरीदते हैं तो उसकी कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है। बढ़ोतरी सिर्फ़ केस में मिलने वाली बीयर पर हुई है, जिनमें 12 से 24 बोतलें होती हैं। एक केस की कीमत आम तौर पर 1,200 से 1,800 रुपये के बीच होती है। दरअसल, अलग-अलग प्राइस लिस्ट सामने आने से कंपनियों में थोड़ी उलझन हुई। लेकिन शाम तक उत्पाद शुल्क अधिकारियों ने नई कीमतों की एक आधिकारिक सूची जारी कर दी। तेलंगाना सरकार को भी इस बढ़ोतरी से फ़ायदा होगा। इस वित्तीय वर्ष में सरकार को शराब की बिक्री से 36,000 करोड़ रुपये की कमाई की उम्मीद है। 2024-25 के पहले छह महीनों में ही 18,000 करोड़ रुपये की कमाई हो चुकी है।

सूत्रों के अनुसार, “महीने की कमाई मौसम के हिसाब से 1,700 से 2,100 करोड़ रुपये के बीच रहती है। औसतन हर दिन 90 करोड़ रुपये की कमाई होती है। कीमतें बढ़ने के बाद हमें हर महीने 300 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई होने की उम्मीद है।” अधिकारियों ने निर्देश दिए हैं कि डिपो में पुराने स्टॉक पर नए दामों के लेबल लगाकर बेचा जाए। मतलब पुराना माल भी नई कीमतों पर ही बिकेगा। सूत्रों का कहना है कि कंपनियां इस बढ़ोतरी से ख़ुश नहीं हैं। उन्होंने कम से कम 20% की बढ़ोतरी की मांग की थी।

यूनाइटेड बेवरेजेज़ कंपनी ने तो 33% की बढ़ोतरी की मांग की थी और विरोध में कुछ समय के लिए सप्लाई भी रोक दी थी। एक कंपनी प्रतिनिधि ने कहा, ‘हम लंबे समय से कीमतों में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे थे, इसलिए हम सरकार के कीमतें बढ़ाने के फैसले का स्वागत करते हैं, खासकर क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में उत्पादन लागत बढ़ रही है। हालांकि, थोड़ी और ज़्यादा बढ़ोतरी से हमें अपने नुकसान को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद मिलती।’ कंपनियों को लगता है कि इतनी कम बढ़ोतरी से उनका घाटा पूरा नहीं होगा।

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