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पूर्व ट्रेनी IAS Pooja Khedkar को बड़ा झटका, जमानत याचिका खारिज, जानें पूरा मामला

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने यूपीएससी धोखाधड़ी मामले में आरोपी पूर्व आईएएस प्रशिक्षु पूजा खेड़कर की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह की पीठ ने इस मामले में पूजा खेड़कर की गिरफ्तारी पर दी गई अंतरिम सुरक्षा को भी रद्द कर दिया। अगस्त 2024 में उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा दी गई थी। अदालत ने पाया कि पूजा खेड़कर पर लगे आरोप गंभीर हैं और मामले में उनकी संलिप्तता और साजिश के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं।

न्यायमूर्ति की कड़ी टिप्पणी
न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने कहा कि यह मामला न केवल यूपीएससी जैसी संवैधानिक संस्था के साथ धोखाधड़ी का है, बल्कि समाज के साथ भी धोखाधड़ी का मामला बनता है। कोर्ट ने माना कि पूजा खेड़कर के खिलाफ प्रथम दृष्टया एक मजबूत मामला है और साजिश का पर्दाफाश करने के लिए जांच आवश्यक है। “अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाती है और गिरफ्तारी से दी गई अंतरिम सुरक्षा रद्द की जाती है,” उन्होंने कहा।

पूजा खेड़कर पर लगे ये आरोप
पूर्व आईएएस प्रशिक्षु पूजा खेड़कर पर आरोप है कि उन्होंने 2022 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए गलत जानकारी दी। इसके जरिए उन्होंने ओबीसी और दिव्यांग कोटे का अनुचित लाभ उठाने का प्रयास किया।

  • फर्जी जानकारी: पूजा खेड़कर पर आरोप है कि उन्होंने अपने आवेदन में गलत जानकारी दी, जिससे उन्हें परीक्षा में बैठने का मौका मिला।
  • दस्तावेजों में गड़बड़ी: जांच में यह पाया गया कि उन्होंने चयन प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।
  • यूपीएससी और दिल्ली पुलिस ने पूजा खेड़कर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया।
  • प्राथमिकी दर्ज: पुलिस ने पूजा खेड़कर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
  • गंभीर आरोप: दिल्ली पुलिस ने बताया कि पूजा ने सिविल सेवा परीक्षा में आवेदन करते समय अपनी पहचान छुपाई और फर्जी जानकारी दी।

यूपीएससी की कार्रवाई

  • यूपीएससी ने जुलाई 2024 में पूजा खेड़कर के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी।
  • फर्जी तरीके से चयन: यूपीएससी ने आरोप लगाया कि पूजा ने आरक्षण का गलत लाभ उठाकर परीक्षा में सफलता पाई।
  • जांच में खुलासे: मामले की जांच में यह भी पता चला कि पूजा ने दिव्यांग और ओबीसी कोटे के तहत चयन पाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।
  • अनुचित सुविधाओं की मांग: पूजा पर आरोप है कि उन्होंने वरिष्ठ अधिकारी के चैंबर पर कब्जा किया और निजी ऑडी कार में लाल बत्ती और ‘महाराष्ट्र सरकार’ की प्लेट लगवाई।
  • शिकायत के बाद ट्रांसफर: पुणे के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर सुहास दिवासे ने उनके खिलाफ शिकायत की, जिसके बाद उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया।

सरकारी सेवाओं में धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं
दिल्ली पुलिस अब अदालत के निर्देशों के अनुसार मामले की जांच तेज कर रही है। पूजा खेड़कर की गिरफ्तारी से जुड़े साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और उनके खिलाफ मजबूत कार्रवाई की तैयारी हो रही है। अदालत का यह निर्णय एक कड़ा संदेश है कि सरकारी सेवाओं में धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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