फतेहपुरः भारतीय किसान यूनियन के नेता, उनके बेटे और भाई की गोली मारकर हत्या करने का मामला सामने आया है। मंगलवार सुबह बाइक को रास्ता न देने को लेकर उनकी गांव के परिवार से बहस हुई थी। थोड़ी देर में ही बहस खूनी झड़प में बदल गई और हमलावरों ने परिवार को घेरकर अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं जिसमें भाकियू के जिला उपाध्यक्ष पप्पू सिंह (50), उनके बेटे अभय (22) और पिंकू सिंह (45) की मौके पर मौत हो गई। वारदात के बाद गांव में सहम का माहौल है। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण और किसान यूनियन के लोग पहुंच गए हैं। सड़क पर जाम लगा दिया है। वारदात की सूचना पर कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई है। गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है
जानकारी मुताबिक, मंगलवार सुबह करीब 9 बजे उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में एक गांव के पूर्व प्रधान सुरेश कुमार उर्फ मुन्नू सिंह अपनी बाइक लेकर जा रहे थे। रास्ते में पप्पू सिंह का ट्रैक्टर खड़ा था। उन्होंने रास्ते से ट्रैक्टर हटाने को कहा, लेकिन पप्पू सिंह ने मना कर दिया। उसने कहा कि नहीं हटाएंगे। इस बात पर दोनों की बहस शुरू हो गई। फिर हाथापाई हुई। गाली-गलौच और आवाज सुनकर सुरेश सिंह के परिवार के लोग हथियार लेकर पहुंच गए। पप्पू सिंह के बेटे और भाई भी मौके पर पहुंच गए।
पहले दोनों पक्षों में जमकर लात-घूसे चले। इसी बीच सुरेश सिंह के घरवालों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। तीनों ने भागने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों ने उन्हें गोलियों से भून दिया। बताया जा रहा है कि करीब 20-25 राउंड फायरिंग हुई। इससे पूरे गांव दहशत फैल गई। लोग जब तक मौके पर पहुंचे आरोपी फरार हो गए थे। गांव वालों ने बताया कि दोनों परिवारों में प्रधानी चुनाव को लेकर रंजिश चल रही है। इस बार के चुनाव में सुरेश सिंह के परिवार को हराकर पप्पू सिंह की मां प्रधान चुनी गई हैं। भाकियू नेता पप्पू सिंह का अभय इकलौता बेटा था। उनकी पत्नी की 15 साल पहले मौत हो चुकी है। पिंकू सिंह खेती-किसानी करते थे।
एसपी धवल जायसवाल ने बताया कि मृतकों की मां ने पुलिस को शिकायत दी है। इसमें गांव के पूर्व प्रधान सुरेश कुमार उर्फ मुन्नू सिंह और उसके बेटों पर हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और आगामी जांच शुरू कर दी है।