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Punjab News: दरबार साहिब में सजा सुंदर जलो साहिब, श्रद्धालुओं ने किए अलौकिक दर्शन, देखें वीडियो

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अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने संगत को दी शुभकामनाएं

अमृतसरः आज, चौथे गुरु, श्री गुरु रामदास जी महाराज के पावन प्रकाशोत्सव के अवसर पर सचखंड श्री दरबार साहिब में सुंदर जलो साहिब विशेष रूप से सजाया गया। सुबह से ही बड़ी संख्या में गुरुमुख प्रेमी श्री हरमंदिर साहिब पहुंचे और सतगुरु के दर्शन कर स्वयं को धन्य माना। सुबह 8:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक सचखंड श्री हरमंदिर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब और गुरुद्वारा बाबा अटल साहिब में सुंदर जलो साहिब सजाया गया, जहां हजारों श्रद्धालुओं ने माथा टेका और प्रार्थना की।

हेड ग्रंथी ज्ञानी रघबीर सिंह ने बताया कि सतगुरु धन-धन गुरु रामदास जी विनम्रता और वैराग्य के प्रतीक थे, जिन्होंने मानवता को सेवा, ध्यान और प्रेम का संदेश दिया। दुनिया भर की संगत सतगुरु जी के प्रकाश पर्व को श्रद्धा और सम्मान के साथ मना रही है। इसी के चलते सारा दिन पाठ के साथ श्रद्धालुओं को गुरु की बाणी के साथ जोड़ा जा रहा है। गुरुद्वारा मंजी साहिब दीवान हॉल में दिन भर गुरमत समारोह आयोजित किए गए। शाम को, रहरास साहिब के पाठ के बाद, मनमोहक दीपमाला और आतिशबाजी की जाएगी।

वहीं श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने सभी को गुरु जी के प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं दीं। जत्थेदार गड़गज ने अपने संदेश में कहा कि श्री गुरु रामदास जी का जन्म चूना मंडी, लाहौर में हुआ था और उन्होंने अपने जीवन के पहले 7 वर्ष वहीं बिताए। उनके माता-पिता के चले जाने के बाद, उनकी दादी उन्हें बसरका ले गईं, जहां तीसरे गुरु, श्री गुरु अमरदास जी भी रहते थे। इसके बाद गुरु रामदास जी श्री गोइंदवाल साहिब पहुंचे और गुरु अमरदास जी की विनम्रतापूर्वक सेवा की। उनकी सेवा भावना और ईश्वरीय आशीर्वाद को देखते हुए, गुरु अमरदास जी ने उन्हें गुरुपद सौंपा और श्री गुरु रामदास जी ने आदेशानुसार चक रामदासपुर (वर्तमान अमृतसर साहिब) की स्थापना की। यहां श्री अमृत सरोवर का निर्माण किया गया, जिसके नाम पर यह शहर “श्री अमृतसर साहिब” के नाम से जाना जाता है। श्री गुरु रामदास जी की बाणी 30 रागों में रची-बसी है और उन्होंने गुरबाणी के माध्यम से जीवन के हर पहलू में मनुष्य का मार्गदर्शन किया। उनके पवित्र शब्द – बाणी गुरु, गुरु है बाणी, बाणी अमृत सार हमें याद दिलाते हैं कि गुरबाणी ही हमारा सच्चा गुरु है।

उन्होंने चिंता व्यक्त की कि इन दिनों श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसलिए, सभी सिखों को गुरुद्वारों में सुरक्षा को मजबूत करना चाहिए और हर परिस्थिति में गुरबाणी के प्रति सम्मान बनाए रखना चाहिए। जत्थेदार गड़गज ने अपील की कि सिख समुदाय गुरबाणी से जुड़े रहें, गुरु की शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाएं और सभी के कल्याण के लिए तत्पर रहें।

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