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बददी विश्वविद्यालय में डिजिटल युग के महत्व पर प्रकाश डाला

बददी विश्वविद्यालय में डिजिटल युग के महत्व पर प्रकाश डाला बददी विश्वविद्यालय में डिजिटल युग के महत्व पर प्रकाश डाला

ऐसी दुनिया में जो लगातार बदल रही है, डिजिटलीकरण एक अत्यंत आवश्यक सहारा रहा है

हरीश खजूरिया ने छात्रों को डिजिटल नेटवर्क के लाभ बताए

बोले-यह केवल उद्योग ही नहीं बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी मददगार

बददी/ सचिन बंसल : बददी विश्वविद्यालय में गेस्ट स्पीकर हरीश खजूरिया ने डिजिटल युग में लोक प्रबंधन की बदलती भूमिका विषय पर एक विशेष व्याख्यान दिया। शर्मा जो कि हिमाचल प्रदेश के अग्रणी उद्योग संगठन लघु उद्योग संघ के राज्य प्रवक्ता भी है ने इस उत्कृष्ट उपस्थिति में डिजिटलीकरण के महत्व को समझाया, जो आज के प्रतिस्पर्धी विश्व में संगठनों को विकसित करने में सहायक होता है। उन्होंने विद्यार्थियों को डिजिटल नेटवर्क का चयन करने के लाभों के बारे में टिप्स दिए, जो केवल उद्योग में ही नहीं, बल्कि उनके व्यक्तिगत जीवन में भी मददगार हो सकता है।

उन्होंने विद्यार्थियों को आग्रह किया कि वे डिजिटल युग में अपने निर्देशक बनें और तकनीकी उत्पादकता, सहयोग, और संचार के अन्य माध्यमों का सही उपयोग करें। शर्मा के विशेष व्याख्यान के द्वारा बददी विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों को डिजिटल युग में उच्चतम सफलता के लिए तैयार करने का एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया। पिछले दशक में दुनिया में हुए महत्वपूर्ण बदलावों के साथ, विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के बाद, डिजिटलीकरण्  शब्द अधिक व्यापक हो गया है।

इसने नए सिरे से परिभाषित किया है कि भर्ती से लेकर बाजार में जाने की रणनीतियों से लेकर ग्राहक अधिग्रहण और प्रतिधारण तक, हर क्षेत्र में व्यवसाय कैसे संचालित होते हैं। ऐसी दुनिया में जो लगातार बदल रही है, डिजिटलीकरण एक अत्यंत आवश्यक सहारा रहा है जिसने व्यवसायों को व्यवधान के बीच लचीलापन बनाने में मदद की है। इससे व्यवसायों को वास्तविक समय के आधार पर बेहतर ग्राहक अंतर्दृष्टि और प्रतिस्पर्धी ट्रैकिंग प्राप्त करने के लिए डेटा का उपयोग करने में मदद मिली है। यह देखते हुए कि आज के ग्राहक कितने डिजिटल-प्रेमी हैं, कंपनियों के लिए डिजिटल परिवर्तन यात्रा शुरू करना महत्वपूर्ण हो गया है, अगर ग्राहक के साथ तालमेल नहीं बिठाना है और सभी चैनलों और प्लेटफार्मों पर लगातार ग्राहक अनुभव सुनिश्चित करना है।

हरीश खजूरिया ने कहा कि डिजिटलीकरण शुरू करने के लिए मुख्य कारक आमतौर पर लागत से संबंधित होता है। कर्मचारियों को कहीं से भी काम करने में सक्षम बनाना है। डिजिटलीकरण किसी उद्यम के सभी पहलुओं में प्रक्रिया में सुधार लाता है। व्यावसायिक कार्य (जैसे मानव संसाधन, विपणन और संचालन), संपूर्ण व्यावसायिक पारिस्थितिकी तंत्र (हितधारकों और विक्रेताओं सहित), परिसंपत्ति प्रबंधन (ग्राहकों और उनके डेटा सहित), कार्य संस्कृति और डिजिटल आपूर्ति कर्मचारियों और ग्राहकों के बीच की एक  श्रृंखला है।

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