बद्दी के वार्ड दो के विजय बैंसल की बेटी नीरज ने प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती विद्या मंदिर बद्दी में की। उसके बाद शिमला युनिवर्सिटी से बी फार्मा व बद्दी विवि से एम फार्मा की डिग्री हासिल की। एम फार्मा करने के बाद वह चंडीगढ विवि में बतौर शिक्षिका ज्वाईन किया। इस बीच वह विवाह के बंधन भी बंद गई और एक बच्ची को भी जन्म दिया लेकिन नीरज ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। नीरज ने एंटी एगजाईनिटी (डिप्रेशन) विषय में पीजीएडी 83 फीसदी अंको से पास की। उसने दो प्लांट से केमिकल लेकर इस दवा को तैयार किया। वह अब इसे फोरमुलेशन बनाना की ओर बढ़ रही है। वह चाहती है कि उसने जो भी प्रयास किया है उसका फायदा समाज को मिले। वर्तमान में एंटी एगजाईटी की रोगी काफी संख्या में आ रहे है।
नीरज ने कहा कि महिलाओं को अपना आप को कमजोर नहीं समझना चाहिए। वर्तमान में महिलाएं किसी से कम नहीं है। महिला को शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। पढऩे के लिए कोई आयु सीमा नहीं होती है। एक शिक्षित महिला की अपने परिवार को समाज की तस्वीर बदल सकती है। एक शिक्षित महिला की अपने पांव पर खड़ी हो सकती है।
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