ऊना / सुशील पंडित : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग हिमाचल प्रदेश के अंतर्गत समेकित बाल विकास परियोजना ऊना के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बसदेहडा में “ मासिक धर्म स्वच्छता” के अंतर्गत खंड स्तरीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता बाल विकास परियोजना अधिकारी कुलदीप सिंह दयाल ने की।
शिविर में आयुर्वेदिक विभाग से डॉ मीनू ने बच्चों को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता के बारे मे जानकारी दी तथा बच्चियों को उनके खाने-पीने तथा महामारी के दिनों में किस चीज का ध्यान रखना चाहिए उसके बारे में अवगत करवाया। पोषण पर बल देते हुए बच्चों को समझाया कि अगर हमारा खान-पान सही रहेगा तभी बच्चों में एनीमिया की कमी दूर होगी।
बाल विकास परियोजना अधिकारी कुलदीप दयाल ने कहा कि सुदृढ़ नींव के लिए किशोरों को उचित पोषण की आवश्यकता होती है। समुचित पोषाहार के बावजूद बच्चों की खाने की आदतों के कारण भारत में कुपोषण जैसी समस्या मौजूद है। जिसके समाधान के लिए अभिभावकों का सहयोग आवश्यक है तथा कुपोषण मुक्त भारत की परिकल्पना साकार होगी। इस दिशा में महिला एवं बाल विकास के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भूमिका अहम है। पोषण अभियान का मूल उद्देश्य किशोर, किशोरी, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को निर्धारित पोषण के विषय में जागरुक करना तथा उन्हें उचित पोषण उपलब्ध करवाना है। कुपोषण से लक्षित वर्गों को बचाने के लिए हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी महिला एवं बाल विकास द्वारा आंगनवाड़ी स्तर, पर्यवेक्षक वृत्त स्तर तथा परियोजना स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जिनके माध्यम से लक्षित वर्गों को पौष्टिक आहार के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जा रही है। जिला बाल सरक्षण अधिकारी कमलदीप सिंह ने बच्चों को विभागीय योजनाओं तथा उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया।
इस अवसर पर स्कूल के प्रधानाचार्य रजिंदर माहल , उप-प्रधानाचार्य कामना, डी. पी. शमशेर सिंह, पर्यवेक्षक संतोष कुमारी, नानकी देवी, आशा देवी, कुलबीर कौर, पोषण ब्लॉक कोऑर्डिनेटर गुरमुख सिंह, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुषमा देवी, राज कुमारी, रंजीत कुमारी, त्रिशला देवी व अन्य उपस्थित रहे।
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