पहली और आखिरी बार बेटे ने देखा पिता का मुंह
जालंधर, ENS: यूरोपीय देश जॉर्जिया के माउंटेन रिसॉर्ट में काम करने वाले 12 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में से जालंधर के व्यक्ति सहित 11 पंजाबी लोग शामिल थे। जालंधर के लद्देवाली फ्लाईओवर के साथ लगते कोट रामदास में रहने वाले रविंदर की भी जार्जिया में हुए हादसे में मौत हो गई थी। जिसके बाद आज रविंदर का पार्थिव शव जालंधर पहुंचा। जालंधर में जब रविंदर का पार्थिव शव पहुंचा तो परिवारिक सदस्यों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। वहीं पहली बार बेटे ने अपने पिता रविंदर का चेहरा देखा। दरअसल, पत्नी कंचन ने बताया कि उसके 3 बच्चे हैं और जिस बेटे अरमान के लिए रविंदर विदेश में गए थे वह उसका असल में मुंह तक नहीं देख पाए। उन्होंने उसे केवल फोन पर वीडियो कॉल के माध्यम से ही देखा था। वह 8 साल से विदेश में थे।
जोनी ने बताया कि जार्जिया में गैस लीक से जालंधर के रविंदर सहित 11 पंजाबियों की मौत हो गई। रविंदर उर्फ काला का आज पार्थिव शव जालंधर पहुंचा है। इस दौरान इलाका निवासियों में शोक की लहर छा गई। वहीं मामले की जानकारी देते हुए सरबत दा भला ट्रस्ट से अमरजोत सिंह ने बताया कि 11 शव पंजाब में विदेश से आ चुके है। इससे पहले 4 शव आए थे, 2 दिन बाद दोबारा 4 शव पंजाब लाए गए थे और कल 3 शव पंजाब ला गए। आज जालंधर में रविंदर का नम आंखों से अंतिम संस्कार किया जा रहा है। सरकार द्वारा सहायता की मांग को लेकर अमरजोत ने कहा कि वह टीम के साथ अभी दुख की घड़ी में शामिल होने पहुंचे है। सरकारी सहायता को लेकर उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर एसपी सिंह ओबराय ने ट्रस्ट के सदस्यों को कहा कि सभी मृतकों के परिवार से मिले और मामले की जानकारी ली जाए। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट द्वारा जो भी सहायता होगी वह मुहैय्या करवाई जाएगी।
वहीं मृतक रविंदर की पत्नी ने सरकार से अपील की है वह उनकी सहायता करें। कंचन ने कहा कि उसका पति खर्चा भेजता था, जिससे वह पालन-पोषण करती थी। उन्होंने कहा कि उनके पास रहने के लिए अपना घर भी नहीं है, ऐसे में पति के जाने के बाद अब हालात काफी खराब हो गए है। कंचन ने कहा कि बेटे अरमान को 7 साल हो गए है आज तक वीडियो कॉल पर अरमान से रविंदर की बात हुई थी, लेकिन उन्होंने कभी नहीं अरमान को देखा। तीनों बच्चे रामा मंडी में केवी स्कूल में पढ़ाई करते है और सरकार उन्हें बच्चों को पढ़ाई में सहायता करें और उसे भी नौकरी दें, ताकि वह खुद घर का पालन पोषण कर सकें।