कैनबरा: कनाडा के बाद अब ऑस्ट्रेलिया ने भी विदेश में पढ़ाई करने की चाहत रखने वाले भारतीय छात्रों को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के कई विश्वविद्यालयों ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात और उत्तराखंड के छात्रों पर प्रतिबंध लगा दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया की फेडरेशन यूनिवर्सिटी, वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी, विक्टोरिया यूनिवर्सिटी और साउदर्न क्रॉस यूनिवर्सिटी जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं ने इन राज्यों से आने वाले छात्रों की छात्र वीजा आवेदन प्रक्रियाओं को अस्थायी रूप से रोक दिया है।
बताया जा रहा हैकि इन विश्वविद्यालयों में सबसे अधिक नकली आवेदन आए थे। अब इन विश्वविद्यालयों ने या तो इन 6 राज्यों से आने वाले आवेदन स्वीकार करना बंद कर दिया है या उनकी कड़ी जांच की जा रही है। ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों का कहना है कि उनकी अंतरराष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली खतरे में है।
बताया जा रहा है कि यह कदम ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा छात्र वीजा प्रणाली का दुरुपयोग रोकने के लिए उठाया गया है। ऑस्ट्रेलियाई शैक्षणिक संस्थानों द्वारा छात्र वीज़ा पर अस्थायी रोक लगाने से सबसे अधिक प्रभाव गुजरात के छात्रों पर पड़ेगा। गुजराती छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के लिए ऑस्ट्रेलिया शीर्ष 3 स्थानों में से एक है। यहां विदेश जाने वाले लगभग 20 प्रतिशत छात्र ऑस्ट्रेलिया को चुनते हैं। नई प्रतिबंधों के कारण यह आंकड़ा घटने की संभावना है।
रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों को डर है कि कुछ छात्र छात्र वीज़ा का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इन राज्यों से आने वाले वीज़ा आवेदन में अधिकारियों ने कुछ अनियमितताएं पाई हैं। अधिकारियों ने कहा कि नकली छात्र आवेदनों में वृद्धि हुई है। इसका मतलब है कि कुछ लोग केवल पढ़ाई के नाम पर वीज़ा ले रहे हैं, लेकिन उनका इरादा यहां बसना और गैर-कानूनी तरीके से नौकरी करना है। ऑस्ट्रेलिया अपनी शिक्षा प्रणाली को बचाने के लिए कड़े कदम उठा रहा है।
ऑस्ट्रेलिया में 1 लाख से अधिक भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं और हर साल उनकी संख्या में वृद्धि हो रही है। यहां कई शीर्ष विश्वविद्यालय हैं, जो देश भर के राज्यों के छात्रों को आकर्षित करते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इन 6 राज्यों के छात्रों पर ही कार्रवाई क्यों की जा रही है।