नई दिल्लीः अमेरिका के बाद अब यूरोपीय देश पुर्तगाल में रह रहे विदेशियों पर भी निर्वासन की तलवार लटक रही है, जिनमें करीब 13,380 भारतीय शामिल हैं। दरअसल, पुर्तगाल में दो महीने पहले बनी सरकार भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की आप्रवासी विरोधी नीतियों को अपनाकर विदेशियों को देश से बाहर निकालना चाहती है। उल्लेखनीय है कि पुर्तगाल भेजे जाने वाले विभिन्न देशों के विदेशियों की संख्या 400,000 बताई जा रही है, जिन्हें वहां की नई सरकार ने हिरासत में लेने के आदेश जारी किए हैं।
ऐसे विदेशियों को रखने के लिए डिटेंशन सेंटर भी तैयार किए गए हैं, ताकि उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखा जा सके और फिर विमानों से उनके संबंधित देशों में भेजा जा सके। पुर्तगाल की नई सरकार के इस धमकाने वाले कदम से वहां रह रहे विदेशियों में दहशत फैल रही है। बता दें कि यह सभी वह भारतीय हैं जो पिछले लगभग 5-6 साल से पुर्तगाल की सरकार को टैक्स तक दे रहे हैं।
इसके बारे में जानकारी देते हुए पुर्तगाल में बैठे भारतीय धर्मजीत सिंह सैनी जो इन भारतीयों की तरफ से पुर्तगाल सरकार से लड़ रहे ने बताया कि पुर्तगाल सरकार ने कुछ दिन पहले साढे 13, 380 भारतीयों को डिपोर्ट करने की बात की है। यही नहीं इसके अलावा और भी कई देशों के लगभग 400,000 लोगों को डिपोर्ट करने की बात कही जा रही है। यह सभी वह विदेशी है जो पुर्तगाल सरकार को न सिर्फ टैक्स दे रहे हैं बल्कि लीगल तौर पर रह रहे हैं और मेडिकल सुविधाएं भी ले रहे हैं ।
धर्मजीत सिंह सैनी ने पुर्तगाल सरकार का कानून 88 और 89 का हवाला देते हुए बताया कि अगर कोई गैर पुर्तगाली यहां आकर लीगल तरीके से परमिट ले लेता है तो वह रह सकता है। पुर्तगाल का कानून कहता है कि अगर कोई भी बाहरी व्यक्ति यहां आकर सभी कानून का पालन करता है तो उसको 90 दिन में यह बता दिया जाता है कि आप यहां रह सकते हैं या नहीं रह सकते। इसके साथ ही उनके ऊपर कुछ ऑब्जरवेशन भी लगा दी जाती है लेकिन यहां पर 90 दिन ही नहीं बल्कि चार-चार, पांच-पांच साल बीत जाने के बाद गवर्नमेंट की तरफ से उनका कोई भी इंटीमेशन नहीं दिया गया।
वहीं पुर्तगाल से डिपोर्ट होने जा रहे भारतीयों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को ईमेल के माध्यम से एक पत्र भेजा है, जिसमें पुर्तगाली सरकार से इस मुद्दे को उठाने की अपील की गई है। धर्मजीत सिंह सैनी ने कहा कि यदि भारत के प्रधानमंत्री या भारत के विदेश मंत्री पुर्तगाल स्थित भारतीय दूतावास के माध्यम से वहां की नई सरकार से इस मुद्दे पर चर्चा करें तो हजारों भारतीयों और उनके परिवारों का भविष्य बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर भारतीय दूतावास के अधिकारी भी वहां की सरकार से बात करें तो सुनवाई भी हो सकती है।