नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में केजरीवाल सरकार की कैबिनेट में फेरबदल हुआ है। दिल्ली की मंत्री आतिशी को कानून एवं न्याय विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, जबकि मंत्री कैलाश गहलोत को उनके वर्तमान विभागों के अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग आवंटित किया गया है। इससे पहले कानून एवं न्याय विभाग की जिम्मेदारी कैलाश गहलोत निभा रहे थे। वहीं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का जिम्मा आतिशी के पास था। दिल्ली सरकार ने एक गजट अधिसूचना में यह जानकारी दी है। रिपोर्ट के अनुसार, सीएम दफ्तर ने उपराज्यपाल (एलजी) कार्यालय को पत्र लिखकर विभागों की अदला- बदली की सिफारिश की थी, जिसे एलजी की मंजूरी भी मिल गई है।
इस बदलाव के साथ आतिशी के पास अब कानून एवं न्याय विभाग समेत 14 विभाग हैं, जो केजरीवाल सरकार के मंत्रियों में सबसे ज्यादा है। इससे पहले अक्टूबर में उन्हें जल विभाग का प्रभार सौंपा गया था। दिल्ली सरकार की तरफ से इस फेरबदल के बाद आतिशी के पास सबसे अधिक 14 मंत्रालय हो गए हैं। केजरीवाल सरकार में किसी भी मंत्री के पास इतने मंत्रालय नहीं हैं। इससे पहले आतिशी को इस साल अक्टूबर में ही जल विभाग का जिम्मा सौंपा गया था। वहीं, करीब 6 महीने पहले आतिशी को राजस्व, योजना और वित्त विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इससे पहले ये विभाग पहले परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के जिम्मे थे।
नए फेरबदल में कैलाश गहलोत से विधि मंत्रालय वापस लिया गया है। महीनों से लंबित फाइलों को देखने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने आतिशी को कानून मंत्रालय सौंपने की सिफारिश की गई थी। उपराज्यपाल सचिवालय को प्रमुख सचिव की एक रिपोर्ट से सूचित किया गया कि कानून मंत्री के पास 18 फाइलें लंबित हैं। उन पर शीघ्र निर्णय के उनके अनुरोध का कोई जवाब नहीं आया है। अधिकारियों के मुताबिक, एलजी ने अदालत और न्यायिक प्रशासन से संबंधित बड़ी संख्या में महत्वपूर्ण प्रस्तावों के लंबित होने पर गंभीर विचार व्यक्त किया। उन्होंने यह भी बताया कि कानून मंत्री की देरी राष्ट्रीय राजधानी में न्याय प्रशासन में बाधा बन रही है।