बददी/सचिन बैंसल: हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा विद्युत डयूटी बढ़ाए जाने पर प्रदेश के उद्योग संगठनों ने गहरा रोष जताया है। लघु उद्योग संघ के प्रतिनिधियों ने कहा कि एक तो सूक्ष्म एवं लघु उद्योग पहले ही आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं उपर से विद्युत डयूटी उनके खर्चों में बोझ बनकर उभरेगी। लघु उद्योग संगठन के प्रदेश संयोजक विचित्र सिंह पटियाल, हरिओम सिंह ठाकुर त्रिदेव व हरीश शर्मा ने कहा कि सरकार ने विभिन्न सैक्टर में विद्युत डयूटी में बढोतरी की है लेकिन इसमें छोटे उद्योगों को भी नहीं बक्शा। अकेले एमएसएमई सैक्टर पर 11 से लेकर 17 व 19 फीसदी की आशातीत वृद्वि हुई है जो कि तर्कसंगत नहीं है।
प्रदेश सरकार छोटे उद्योगों को तो बक्श दे क्योंकि पहले ही इनकी हालत ठीक नहीं
लघु उद्योग संघ ने कहा कि एमएसएमई सैक्टर को आपदा में राहत की बजाय आफत
विद्युत डयूटी बढ़ाने से लघु उद्योगों पर पडेगा विपरीत असर: पटियाल
उन्होने कहा कि अगर वृद्वि करनी ही थी तो 2 से तीन फीसदी करनी थी और 19 फीसदी किसी भी चीज में वृद्वि करना किसी भी सूरत में सही नहीं है। आखिर सरकार चाहती क्या है कि सर्वाधिक रोजगार देने वाला सैक्टर तबाह ही हो जाए। हमें रियायतें तो क्या देनी थी बल्कि जिस ऊर्जा राज्य में हम कार्य कर रहे हैं उसी ने अपना उत्पाद ही मंहगा कर दिया। अब हिमाचल में निवेश के लिए बिजली एकमात्र आकर्षण नहीं रहा क्योंकि अब यहां पर बिजली का यूनिट अन्य राज्यों के बराबर हो गया है।
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