- Advertisement -
spot_img
HomePunjabAnandpur Sahib19 साल बाद बना सावन यह संयोग, भक्तों पर बरसेगी शिव-गौरी की...

19 साल बाद बना सावन यह संयोग, भक्तों पर बरसेगी शिव-गौरी की असीम कृपा

अकाल मृत्यु वो मरे जो करे काम चांडाल का ,
काल भी उसका क्या करे जो भक्त है महाकाल का”

हिंदू धर्म में सावन का बहुत महत्व है। इस बार यह पावन महीना 4 जुलाई यानि आज से शुरु हो रहा है। मान्यता के अनुसार, इस महीने विधि-विधान से पूजा -पाठ करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। पंचांग के अनुसार,  इस साल सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलेगा। इस बार सावन पूरे 59 दिनों का होगा। इसका बड़ा कारण सावन के महीने में अधिकमास का योग है। वैसे तो हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक 3 साल में अधिक मास आता है। लेकिन सावन में ऐसा संयोग पूरे 19 साल बाद बन रहा है। जिसमें 8 सोमवार को व्रत किए जाएंगे। सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई और आखिरी सोमवार 28 अगस्त को पड़ेगा। इस बार सावन का पहला सोमवार का शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 38 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक चलेगा। इस दौरान भगवान भोलेनाथ का व्रत करें। इसके साथ ही शिव का अभिषेक भी करें। ऐसा करने से सभी कष्ट दूर होंगे और आपकी सभी मनोकामना पूरी होगी।

जानें क्यों है इस बार का सावन 58 दिन का 

वैदिक पंचांग की गणना सौर मास  और चंद्र मास के आधार पर की जाती है चंद्रमास -354 दिन का होता है और सौर मास -365 दिन का होता है   ऐसे में 11 दिन का अंतर आजाता है। 3 साल के बाद यह कुल 33 दिन हो जाते है इसलिए हम इसे अधिक मास बोलते है।  इसी वजह से इस साल सावन में  1 महीना बढ़ गया  है। इसलिए इस बार सावन 2 महीने का होने वाला है। यानि इस बार भगवन शिव के भक्तों को 4 नहीं बल्कि 8 सोमवार मिलेंगे  भगवन शिव को प्रसन्न करने के लिए। 

जानें  कब-कब होंगे सावन के 8 सोमवार

  • हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन का महीना 04 जुलाई से शुरू होगा। अधिक मास के कारन  सावन में 8 सोमवार रहेंगे। 
  • 10 जुलाई- सावन का पहला सोमवार 
  • 17 जुलाई- सावन का दूसरा सोमवार
  • 24 जुलाई- सावन का तीसरा सोमवार
  • 31 जुलाई- सावन का चौथा सोमवार
  • 07 अगस्त – सावन का पांचवा सोमवार 
  • 14 अगस्त- सावन का छठा सोमवार
  • 21 अगस्त-  सावन का सातवां सोमवार
  • 28 अगस्त- सावन का आठवां सोमवार
  • 31 अगस्त- सावन समाप्त 

अधिकमास की तिथि

18 जुलाई- सावन का अधिकमास शुरू।
16 अगस्त- सावन के अधिकमास समाप्त।

क्या है  सावन के सोमवार की मान्यता

इसको लेकर ये मान्यता है कि सावन के सोमवार का व्रत रखने से सभी मनोकामना पूरी होती है। यह व्रत सुहागिन महिलाओं को जरुर करना चाहिए। इस व्रत को करने से सौभाग्यवती का आशिर्वाद मिलता है। ये व्रत अगर कुंवारी कन्याएं रखती हैं तो उन्हें सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है।

सावन में ऐसे करें भगवान शिव की पूजा

  • सावन के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें।
  • इसके बाद शिव मंदिर या घर में शिवलिंग पर गंगाजल या दूध चढ़ाएं।
  • इसके बाद फूल-फल भगवान को समर्पित कर दे।
  • शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने की मान्यता है।
  • भोलेनाथ की पूजा कर पवित्र मंत्र ‘ओम नमः शिवाय’ का जाप करें।
  • महामृत्युंजय मंत्र का जाप भगवान शिव के नाम पर 108 बार किया जाता है।
  • इसके बाद भगवान से अपनी मनोकामना के लिए भगवान से प्रार्थना करें।

बता दें कि आज से पूरे 19 साल पहले साल 2004 में सावन माह में अधिकमास लगा था। अधिक मास लगने के कारण इस बार भक्तों को महादेव की पूजा के लिए पूरे 8 सोमवार मिलेंगे। इसके अलावा सुहागिन महिलाओं को पूरे 9 मंगला गौरी व्रत रखने को मिलेगा। कुल मिलाकर कहें तो इस बार भगवान शिव की असीम कृपा शिव भक्तों पर पूरे महीने बरसने वाली है। अधिकमास को ही कई लोग मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। चुकी अधिकमास में सूर्य संक्रांति नहीं होती इसी कारण से इस महीने को मलीन माह यानी मलमास कहा जाता है। मलमास के पूरे महीने में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश या उपनयन संस्कार जैसे कोई भी शुभ कार्य नहीं होते हैं।

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read

- Advertisement -

You cannot copy content of this page