जालंधर, ENS: लोकसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही। जालंधर से पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद से कांग्रेस नेताओं में भारी विरोध पाया जा रहा है। हाल ही में तेजिंदर बिट्टू और करमजीत कौर ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। वहीं चन्नी और विक्रम चौधरी में भी जुबानी जंग तेज हो गई। दूसरी ओर आज चन्नी को उस समय बड़ा झटका लगा जब कांग्रेस के दिग्गज नेता मोहिंदर केपी ने पार्टी को अलविदा कहते हुए अकाली दल का दामन थाम लिया। अकाली दल के सुप्रीमों सुखबीर बादल की मौजूदगी में केपी पार्टी में शामिल हुए है। मोहिदंर केपी को अकाली दल जालंधर या होशियापुर से टिकट दे सकती है।
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अगर केपी के अकाली दल जालंधर से टिकट देती है तो जालंधर में चारों पार्टियों में दिलचस्प मुकाबला होगा, दरअसल, चन्नी को छोड़कर तीनों नेता पहली बार अलग-अलग पार्टी से चुनाव लड़ने जा रहे है। हालांकि चन्नी को भी कांग्रेस पहली बार जालंधर सीट पर चुनाव लड़ा रही है। ऐसे में लोकसभा चुनावों में जालंधर सीट काफी हॉट सीट बन गई है। चन्नी की बात करें तो पूर्व सीएम और विक्रम चौधरी में जुबानी जंग तेज हो गई है। बीते दिन चन्नी ने विक्रम चौधरी को जहां दुर्योधन कहा, तो वहीं पर विक्रम चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा कि चन्नी सुदामा नहीं बल्कि शकुनि है। विक्रम चौधरी ने कहा कि चन्नी ने सीएम बनते ही पंजाब की नईया डूबो दी। उनका चरित्र भी महिलाओं के प्रति ठीक नहीं है। जालंधर के लोग उन्हें हराकर वापिस भेजेंगे। चन्नी ख़ुद को सुदामा बता रहे हैं जबकि वो शकुनि है।
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