नई दिल्ली: राजधानी के लोगों को केंद्र सरकार ने एक बड़ा तोहफा दे दिया है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में दिल्ली मेट्रो के चरण-VA के विस्तार को मंजूरी दे दी है। इसकी जानकारी खुद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है। उन्होंने बताया कि इस नई परियोजना पर करीबन 12,015 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
400 किलोमीटर से ज्यादा होगा नेटवर्क
इस मंजूरी के साथ ही दिल्ली मेट्रो का जाल अब 400 किलोमीटर का आंकड़ा पार कर जाएगा। केंद्रीय सूचना मंत्री ने बताया कि भारत के पास अब चीन और अमेरिका के बाद दुनिया का सबसे बड़ा मेट्रो का नेटवर्क है। यह विस्तार दिल्ली की लाइफलाइन को और भी मजबूत बनाएगा।
ऐसे होगा दिल्लीवासियों को फायदा
इस परियोजना का सबसे बड़ा फायदा पर्यावरण को होने वाला है। सरकार के अनुसार, इससे साला 33,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी। इससे कर्तव्य भवन और केंद्रीय कर्मचारियों को सीधा फायदा होगा। इस फेज की सबसे खास बात यह है कि यह कॉरिडोर कर्तव्य भवन को मेट्रो नेटवर्क से सीधे जोड़ देगी। इससे केंद्र सरकार के पास 60,000 कर्मचारियों और रोज आने वाले लगभग 2 लाख लोगों को सीधा फायदा होगा। इसके अलावा परिवहन के आसान साधन मिलने से समय की भी बचत होगी और निजी वाहनों पर निर्भरता कम होगी। इससे प्रदूषण में भारी गिरावट आएगी।
इन स्टेशनों में जाएगी मेट्रो
यह नया कॉरिडोर मैजेंटा लाइन के तौर पर विकसित होगा। यह आरके आश्रम से इंद्रप्रस्थ तक जाएगा। जिन भी स्टेशनों को इस विस्तार में शामिल किया गया है उनमें आरके आश्रम, शिवाजी स्टेडियम, सेंट्रल सेक्रेटेयिट, कर्तव्य भवन, इंडिया गेट, वॉर मेमोरियल/हाई, कोर्ट-बरौदा हाउस, भारत मंडपम और इंद्रप्रस्थ मुख्य तौर पर शामिल है। यह कॉरिडोर सीधे तौर पर कर्तव्य भवनों के साथ जुड़ेगा। इससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों को बड़ा फायदा होगा।
65 लाख यात्री करते हैं मेट्रो में यात्रा
वर्तमान समय में दिल्ली मेट्रो रोज 65 लाख यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाती है। इसका मौजूदा नेटवर्क इस समय 395 किलोमीटर में फैला हुआ है। 16 किलोमीटर के इस नए विस्तार के बाद मेट्रो न सिर्फ दिल्ली के आंतरिक हिस्सों तक बल्कि एनसीआर के संपर्क को भी मजबूत बनाएगी।
