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व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर आम लोगों को प्रताड़ित कर रही सरकार: सत्ती

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ऊना/सुशील पंडित: ऊना विधानसभा क्षेत्र के विधायक का सतपाल सिंह सत्ती ने पुलिस और जिला प्रशासन पर व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर आम लोगों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जब जिला में खुले आम अवैध खनन होता था उसे वक्त प्रशासन और पुलिस को कई बार सचेत किया गया, लेकिन अधिकारी कान में रूई डालकर बैठे रहे।

अब जब अवैध खनन के कारण बीच सड़क गुंडागर्दी का नंगा नाच हुआ तो पुलिस प्रशासन ने उसे पर कार्रवाई करने की बजाय आम लोगों को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस की तमाशा कार्रवाई के कारण शेरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक सभी विकास कार्य रुक चुके हैं। हालत यह है कि लोगों को घर के निर्माण के लिए रेत की एक ट्राली 3 हज़ार रुपए में खरीदनी पड़ रही है। जबकि ट्रैक्टर चालकों के 50-50 हजार रुपये के चालान किए जा रहे हैं।

इससे न केवल ट्रैक्टर चालकों का काम बंद हो चुका है बल्कि लोगों को अपने घर का निर्माण भी बंद करने को मजबूर होना पड़ रहा है। विधायक ने जिला प्रशासन द्वारा जिला के सभी प्रमुख कस्बों में किए जा रहे हैं व्यवस्था परिवर्तन पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अधिकारी बंद कमरे में बैठकर योजनाएं बना रहे हैं और तुगलकी फरमान लागू करते हुए लोगों को तंग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को शेरों की व्यवस्था के लिए स्थानीय व्यापार मंडलों को विश्वास में लेना चाहिए था।

कारोबारी वर्ग के साथ बैठकर किसी भी योजना के लिए विचार मंथन किया जाना चाहिए था। लेकिन शहर में भी पुलिस ने लोगों के वाहनों के चालान करके अति कर दी है। शहर के मुख्य मार्ग का कारोबार पूरी तरह ठप्प हो चुका है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कारोबारी की हर मांग का समर्थन करती है। प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाना सही है, लेकिन शहर की दुकानों पर माल की ढुलाई वाले वाहनों सहित ग्राहकों के वाहनों के हो रहे चालान बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन कानून व्यवस्था को बनाने का प्रयास अब भी गंभीरता से करते नजर नहीं आ रहे। हत्याओं के आरोपी और हत्याओं के प्रयास करने की आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहे हैं। लेकिन पुलिस का पूरा जोर आम लोगों के वाहनों के चालान करने पर लगा हुआ है। विधायक ने कहा कि पार्किग व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन द्वारा जो शुल्क निर्धारित किया था उसकी सरेआम अवहेलना की जा रही है। जिला प्रशासन द्वारा 30 मिनट के लिए 10 रुपये पार्किंग शुल्क निर्धारित किया था, लेकिन किसी भी पार्किंग में पार्किंग ठेकेदार द्वारा उसे लागू नहीं किया गया है।

 

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