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मशहूर मूर्तिकार Ram Sutar का 100 साल की उम्र में निधन, PM Modi ने जताया दुख

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नई दिल्ली: मशहूर मूर्तिकार राम सुतार का निधन हो गया है। बुधवार को देर रात नोएडा स्थित अपने घर में उन्होंने आखिरी सांस ली। राम सुतार की उम्र 100 साल थी। उन्होंने गुजरात में दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को डिजाइन किया था। संसद परिसर में ध्यान में बैठे हुए गांधी जी और घोड़े पर सवार छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति भी उन्होंने बनाई थी। सुतार मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट एंड आर्किटेक्चर से गोल्ड मेडेलिस्ट भी रह चुके थे।

पीएम मोदी ने जताया दुख

राम सुतार के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया है। उन्होंने एक्स अकाउंट पर लिखा कि- ‘राम सुतार जी के निधन से बहुत दुख हुआ। वो एक शानदार मूर्तिकार थे जिनकी महारत ने भारत को केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से मशहूर जगहें दी। उनके कामों को हमेशा भारत के इतिहास, संस्कृति और सामूहिक भावना की दमदार अभिव्यक्ति के तौर पर सराहा जाएगा। उन्होंने अपने आने वाली पीढ़ियों के लिए देश के गौरव को अमर कर दिया है। उनके काम कलाकारों और नागरिकों को हमेशा प्रेरित करते रहेंगे। उनके परिवार चाहने वालों और उन सभी लोगों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं जो उनके शानदार जीवन और काम से प्रभावित हुए। ओम शांति’।

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से मिली प्रसिद्धी

राम सुतार को अंतराष्ट्रीय ख्याति दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के शिल्पकार के तौर पर मिली थी। सरदार वल्लभभाई पटेल की विशाल प्रतिमा गुजरात में स्थापित है और आज आधुनिक भारत की पहचान बन गई है। साल 1959 में वो दिल्ली आए और उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में नौकरी शुरु की परंतु कला के प्रति उनका समर्पण इतना गहरा था कि उन्होंने सरकारी सेवा छोड़ पूरी तरह मूर्तिकला को ही अपना जीवन बना लिया।

1961 में गांधीसागर बांध पर स्थापित देवी चंबल की 45 फुट ऊंची प्रतिमा ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलवाई थी। इसके बाद उन्होंने महाराजा रणजीत सिंह, छत्रपति साहू महाराज, इंदिरा गांधी, जयप्रकाश नारायण, महात्मा फुले, पंडित नेहरु और शिवाजी महाराज जैसी ऐतिहासिक शख्सियतों की प्रतिमाएं भी बनाई।

2016 में मिला पद्म भूषण

उनकी कला के लिए उन्हें 1999 में पद्म श्री और साल 2016 में पद्म भूषण और हाल ही में महाराष्ट्र के सर्वोच्च सम्मान महाराष्ट्र भूषण से नवाजा गया था।

 

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