प्रदेश को बचाने का एक ही रास्ता—मुख्यमंत्री तुरंत दें अपने पद से इस्तीफ़ा : गौरव कुमार
ऊना/सुशील पंडित: धर्मशाला विधानसभा परिसर में विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने अपनी जायज़ और छात्र हितों से जुड़ी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण, अनुशासित और लोकतांत्रिक ढंग से प्रदर्शन किया। लेकिन प्रदेश सरकार के स्पष्ट निर्देशों पर तैनात पुलिस बल ने इन युवा छात्रों पर जिस अमानवीय तरीके से लाठीचार्ज किया, वह लोकतांत्रिक मर्यादाओं की खुली अवहेलना है। कई छात्र गंभीर रूप से घायल हुए, जो सरकार की संवेदनहीनता और तानाशाही मानसिकता को सामने लाता है।
स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट, चिंतपूर्णी इस घटना की कड़ी शब्दों में निंदा करता है। ट्रस्ट के अध्यक्ष गौरव कुमार ने कहा कि यह घटना साबित करती है कि वर्तमान सरकार अब जनता की आवाज़ सुनने की स्थिति में नहीं है। छात्रों के शांतिपूर्ण आंदोलन को बलपूर्वक कुचलने की कोशिश बताती है कि प्रदेश में लोकतंत्र नहीं, बल्कि ‘सत्ता का अहंकार’ चल रहा है।उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री सचमुच इस प्रदेश को अराजकता, अव्यवस्था और दमनकारी शासन से बचाना चाहते हैं, तो उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफ़ा देना चाहिए।
प्रदेश को बचाने का यह सबसे बड़ा और आवश्यक कदम होगा।
गौरव कुमार ने आगे कहा:“आज प्रदेश जिस दिशा में जा रहा है, वह अत्यंत चिंताजनक है। सरकार अपनी हर विफलता को छुपाने के लिए युवाओं पर अत्याचार कर रही है। छात्रों की आवाज़ दबाना किसी भी लोकतांत्रिक सरकार का तरीका नहीं हो सकता। संवैधानिक अधिकारों का हनन और युवा शक्ति का दमन प्रदेश की छवि, लोकतंत्र और समाज—तीनों के लिए घातक है। जनता के भरोसे से बनी सरकार जब जनता पर ही लाठियाँ चलाने लगे, तो यह समझ लेना चाहिए कि सत्ता अब जनता के नहीं, बल्कि अपने स्वार्थों के लिए चल रही है।”
स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट, चिंतपूर्णी ने साफ कहा है कि यदि सरकार ने अपनी दमनकारी नीतियों को नहीं बदला, तो युवा, सामाजिक संगठन और आम जनता मिलकर प्रदेशव्यापी लोकतांत्रिक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।