ऊना/सुशील पंडित: जिला ऊना में पिछले लंबे समय से छोटे भार ढोने वाले वाहनों (लोडिंग वाहनों) में अवैध रूप से यात्रियों को ढोया जा रहा है, जो न केवल कानून के प्रतिकूल है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा भी बना हुआ है। ऊना–पुराना होशियारपुर रोड, मलाती, धालुवाल तथा ऊना एम.सी. पार्क क्षेत्र में प्रतिदिन ऐसे कई वाहन धड़ल्ले से यात्रियों को ले जाते देखे जा सकते हैं। यह गतिविधि स्पष्ट रूप से हाईकोर्ट के आदेशों की खुली अवहेलना है।
उल्लेखनीय है कि CWP No. 176/5 में माननीय हाईकोर्ट ने जिला ऊना प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिले में किसी भी प्रकार के भार ढोने वाले वाहनों में यात्रियों की ढुलाई पूर्ण रूप से बंद की जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में ऐसी कोई अवैध गतिविधि न हो। बावजूद इसके, जिला प्रशासन और जिला पुलिस की लापरवाही के चलते यह प्रयास आज भी बगैर रोक-टोक जारी है।
स्थिति यह है कि दोपहिया वाहनों पर बिना हेलमेट या ओवरस्पीड के चालान तो त्वरित गति से किए जा रहे हैं, परंतु यात्री सुरक्षा से जुड़े इस गंभीर मुद्दे पर प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है।
यह भी अत्यंत चिंताजनक है कि मेडी मेले, चिंतपूर्णी नवरात्र, तथा बाबा बालक नाथ जी के मेलों के दौरान यह अवैध ढुलाई चरम पर पहुंच जाती है। यात्रियों की जान जोखिम में डालते हुए छोटे भार वाहनों को सार्वजनिक परिवहन की तरह प्रयोग किया जाता है, जबकि प्रशासन मात्र दर्शक बना हुआ है।
जिला ऊना के नागरिक प्रशासन से अपेक्षा करते हैं कि— हाईकोर्ट के आदेशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।भार ढोने वाले वाहनों में यात्रियों की ढुलाई पर तत्काल रोक लगाई जाए। दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। मेले–त्योहारों के समय विशेष निगरानी व टीमों की तैनाती की जाए। यात्री सुरक्षा सर्वोपरि है। प्रशासन का दायित्व है कि हाईकोर्ट के आदेशों का सम्मान करते हुए जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता दे और जिले में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाए।