नई दिल्ली: भारत और रुस के बीच में रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे होने पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4-5 दिसंबर को भारत दौरे पर आ रहे हैं। यह उनका 2022 में यूक्रेन पर रुस की विशेष सैन्य कार्रवाई शुरु होने के बाद पहली भारत यात्रा होगी। दोनों देशों में यह 23वां द्विपक्षीय सम्मेलन होने वाला है। यह सम्मेलन दोनों ही पक्षों के लिए बहुत जरुरी माना जा रहा है।
लोक कल्याण मार्ग में होगी मोदी-पुतिन की मुलाकात
पुतिन 4 दिसंबर की शाम नई दिल्ली में पहुंचेंगे। वहां पर पीएम नरेंद्र मोदी उनके सम्मान में लोक कल्याण मार्ग पर शाम को 7 बजे तक एक निजी डिनर की मेजबानी करेंगे। इसके बाद अगले दिन 5 दिसंबर को सुबह 9 बजे राष्ट्रपति पुतिन का राष्ट्रपति भवन में स्वागत किया जाएगा। उन्होंने त्रि सेवा गॉर्ड ऑफ ऑनर भी दिया जाएगा। इसके बाद 10 बजे तक पुतिन राजघाट में पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे।
भारत-रुस शिखर बैठक होगी
5 दिसंबर को सुबह 11 बजे पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की हैदराबाद हाउस में 23वीं भारत-रुस शिखर बैठक होगी। इस बैठक में रक्षा, एनर्जी, व्यापार, तकनीक, अंतरिक्ष और सामरिक सहयोग जैसे कई क्षेत्रों के बारे में जरुरी घोषणाएं और समझौते हो सकते हैं। दोनों नेता अपनी बातचीत के बाद एक जॉइंट स्टेटमेंट भी जारी करेंगे।
दोनों देशों के व्यापारिक संबंध हुए अच्छे
शाम को 4 बजे दोनों नेता भारत-रुस बिजनेस फोरम को भी संबोधित करने वाले हैं। वहां पर द्विपक्षीय व्यापार को नई दिशा देने पर उनका फोकस रहेगा। यह चरण खास तौर पर बहुत जरुरी माना जा रहा है क्योंकि पिछले सालों में भारत-रुस के व्यापारिक रिश्ते काफी अच्छे हुए हैं। दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है। 5 दिसंबर को शाम 7 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पुतिन के सम्मान में राज्य भोज आयोजित करेंगी। करीबन 30 घंटे भारत रहने के बाद पुतिन देर शाम भारत से लौट जाएंगे।