दिलरोज को भी पड़ोसी महिला ने किया था जिंदा दफन, सुनाई थी फांसी की सजा
जालंधर, ENS: वेस्ट हलके के पारस एस्टेट में 21-22 नवंबर की रात को 13 साल की लड़की गुम हुई थी। वहीं लड़की का शव पड़ोसी के घर से बरामद हुआ था। आज मिट्ठू बस्ती में स्थित गुरुद्वारा साहिब में बच्ची की आज अंतिम अरदास रखी गई है। जहां ढाई साल पहले लुधियाना की दिलरोज की हत्या के केस पिता हरप्रीत सिंह को भी इसी तरह दुख की घड़ी से गुजरना पड़ा था। वहीं आज हरप्रीत सिह भी बच्ची की अंतिम अरदास में शामिल होने पहुंचे। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए वह दिलरोज को याद करते हुए रोने लग गए और कहने लगे कि उनके साथ भी इसी तरह का हादसा ढाई साल पहले हुआ था, जब पड़ोसन ने उनकी बच्ची को जिंदा दफना दिया था।
उन्होंने कहा कि उसके बाद अब जालंधर में जब इस घटना के बारे में उन्हें पता चला तो वह खुद अंतिम अरदास में शामिल हुए और दोबारा से अपनी बेटी को याद करने लग गए। उन्होंने बताया कि दिलरोज के मामले में भी आरोपी महिला को फांसी की सजा के आदेश जारी हुए थे, लेकिन अभी तक उसे फांसी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि ऐसे केस में आरोपी को मौके पर ही मौत के घाट उतार देना चाहिए। हरप्रीत ने कहा कि डेढ साले पहले फांसी की सजा के आदेश जारी हुए थे और कल उनकी बेटी को चार साल पूरे हो जाने है।
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता फांसी के मामले में क्या प्रोसेस है। वहीं पारस एस्टेट में बच्ची की घटना को लेकर उन्होंने कहा कि इस परिवार का दुख उनके परिवार से भी बड़ा है, ऐसे में इस केस में आरोपी को फांसी की सजा होनी चाहिए। बता दें कि लुधियाना में सैशन जज मुनीश सिंघल की अदालत ने 35 वर्षीय नीलम नामक महिला को अपने पड़ोसी हरप्रीत सिंह की ढाई वर्षीय बेटी दिलरोज कौर की भयानक हत्या के लिए दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई गई थी। दोषी नीलम ने 28 नवंबर 2021 को शिमलापुरी इलाके से बच्ची को स्कूटी पर अगवा करके सलेम टाबरी इलाके में रेत का गड्ढा खोद कर जिंदा दफन कर दिया था।
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार नीलम के मन में परिवार के प्रति गहरी दुश्मनी थी, जिसके कारण उसने यह जघन्य अपराध किया। नीलम ने हत्या की सावधनीपूर्वक योजना बनाई और उसे अंजाम दिया, मासूम बच्ची को जिंदा दफना दिया और फिर घर लौटकर संदेह से बचने के लिए सामान्य व्यवहार किया। पीड़िता के माता-पिता का प्रतिनिधित्व करने वाले एडवोकेट पी.एस घुमन ने नीलम को क्रूर हत्या के लिए दोषी ठहराए जाने के अदालत के फैसले की पुष्टि की।