गुरदासपुरः बाल दिवस पर देश के 120 स्कूलों से आए बच्चों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। यह मुलाकात बच्चों के लिए बहुत खास और यादगार रही। राष्ट्रपति ने बच्चों को समझाया कि देश को आगे बढ़ाने के लिए पढ़ाई, अनुशासन, रचनात्मकता और दयालुता कितनी ज़रूरी है। उन्होंने बच्चों से कहा कि वे बड़े सपने देखें, खूब मेहनत करें और समाज के लिए अच्छा काम करें।
बटाला के इतिहास में पहली बार किसी स्कूल को राष्ट्रपति भवन में भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती दपदी मुर्मू के साथ बाल दिवस मनाने का अनूठा अवसर मिला। दरअसल, वुडस्टॉक पब्लिक स्कूल बटाला ने यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। जहां स्कूल के विद्यार्थियों को राष्ट्रपति भवन में भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती दपदी मुर्मू के साथ बाल दिवस मनाने का अनूठा अवसर मिला।
भारत के 120 स्कूलों में से गए छात्रों में से बटाला के 4 छात्र राष्ट्रपति को मिलने पहुंचे। राष्ट्रपति के साथ मुलाकात करने के बाद आज छात्र वापिस बटाला लौटे है। इस दौरान उन्होंने अपनी बातें राष्ट्रपति के सामने रखी। प्रार्थना छात्र ने बताया कि उन्होंने कभी सपने में मिलने के बारे में नहीं सोचा था। प्रार्थना ने कहा कि राष्ट्रपति से मिलने के दौरान उसके दिल की धड़कने काफी तेज हो गई। प्रीशा हांडा ने कहा कि उसने राष्ट्रपति के सामने पंजाबी गुरमुखी की कविता उनके सामने बोली थी। जिसमें पंजाब के गुरुओं की बाणी के बारे में बताया गया। स्टूडेंट ने कहा कि राष्ट्रपति पंजाबी के बारे में सुनकर काफी खुश हुई। स्टूडेंट ने कहा कि गर्व की बात है कि एक महिला देश के इतने बड़े पद पर मौजूद है और देश की बेहतरी के लिए काम कर रही है।
स्टूडेंट ने कहाकि परिवार सहित इलाका निवासी और स्कूल के टीचर काफी खुश है। वहीं ईशान ने कहा कि भारत को नई दिशा में ले जाने का सपना था। ऐसे में वह राष्ट्रपति के पद पर रहकर देश को नई राह पर ले जाने की कोशिश में है और इसे काफी हद तक नई दिशा में ले जाने में कामयाब भी हो रही है। इस दौरान अन्य स्टूडेंट ने राष्ट्रपति से बच्चों को उचित पढ़ाई ना मिलने के बारे में पूछा था। जहां राष्ट्रपति ने बच्चों के भविष्य और पढ़ाई के लिए नई योजना तैयार कर रहे है। बच्चों ने कहाकि वह राष्ट्रपति से मिलकर बेहद खुश है।