नई दिल्ली: नेपाल के बाद अब अमेरिका के एक पड़ोसी देश में जेन-Z सड़कों पर उतर आए हैं। बढ़ते अपराध, भ्रष्टाचार और हिंसा के खिलाफ जेनरेशन जेड के द्वारा विरोध जताया जा रहा है। उनके विरोध के कारण सरकार भी तनाव में आ गई है। जेनरेशन जेड का यह विरोध प्रदर्शन मुख्य रुप से राष्ट्रपति क्लाउडिया शेनबाउम सरकार की सुरक्षा नीतियों और ड्रग कार्टलों की नरमी के खिलाफ किया जा रहा है। मिशोआकान राज्य में ड्रग तस्करों के विरोध में चल रहे अभियान मेयर कार्लोस मंजो की हत्या के बाद आंदोलन तेजी से बढ़ा है।
विपक्षी दलों ने किया आंदोलन का समर्थन
जेनरेशन जेड के इस आंदोलन को विपक्षी दलों के अलग-अलग आयु वर्ग के नेताओं और समर्थकों मिल रहा है। ऐसे में इस आंदोलन ने अब व्यापक रुप धारण कर लिया है। यह प्रदर्शन वैसे तो शांतिपूर्ण ही रहा परंतु अंत में कुछ युवाओं की पुलिस के साथ झड़प हो गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर, पटाखे, लाठियां और जंजीरें फेंक दी। इसके बाद उनकी ढालें और बाकी उपकरण भी छीन लिए। इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज किया।
झड़प में कई लोग और पुलिसकर्मी हुए घायल
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस झड़प में कुल 120 लोग घायल हो गए हैं। इसमें से 100 पुलिस अधिकारी शामिल है। इस संबंध में 20 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार भी किए गए हैं। सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें पुलिस के द्वारा प्रदर्शनकारियों को घसीटते और बल का प्रयोग करते हुए दिखाया गया है। इस वीडियो में जेन जी ने पुलिस पर मनमानी गिरफ्तारी और दुरुपयोग के आरोप लगाए हैं।
आखिर क्या है जेनरेशन जेड आंदोलन?
जेनरेशन जेड यानी की जो भी युवा 1990 के दशक के अंत और 2010 के शुरुआती सालों में जन्में हैं। यह युवा इस साल कई देशों में असमानता, लोकतांत्रिक पतन और भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं। सितंबर में नेपाल में सोशल मीडिया बैन करने के बाद वहां भी जेन-जेड प्रदर्शन हुआ था। इसके कारण पीएम केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा था। मेक्सिको में युवा प्रणालीगत समस्याओं से परेशान हो गई है। इसका कारण भ्रष्टाचार, हिंसक अपराधों और अपराधियों को दंड न मिलना है। युवा सरकार को ड्रग माफिया प्रभावित राज्य कहकर निशाना बना रही है। वहां पर कार्टल हिंसा और सामूहिक गायब होने की घटनाएं भी बढ़ती जा रही है।