नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से सनसनीखेज दावा किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान गुप्त तौर पर भूमिगत परीक्षण कर रहा है। एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि कई देश अभी भी परमाणु हथियारों का परीक्षण जारी रखे हुए हैं वहीं अमेरिका संयम बरत रहा है। इस बयान से न सिर्फ दक्षिण एशिया की सुरक्षा स्थिति को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें भी अब भारत-पाकिस्तान की परमाणु नीतियों पर टिकी हुई हैं हालांकि पाकिस्तान ने इस झूठे और भ्रामक दावा बताया है और इसको खारिज कर दिया है।
रक्षा मंत्री ने दी प्रतिक्रिया
इस दावे पर अब भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भारत किसी भी स्थिति के लिए तैयार है। उन्होंने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा कि – जो देश परीक्षण करना चाहते हैं करें हम किसी को रोकने नहीं जा रहे लेकिन यदि समय आया तो भारत चुनौती का जवाब देने के लिए तैयार है। ऐसी रिपोर्टों से भारत विचलित नहीं होता। भारत की नीति संयम और तत्परता दोनों पर आधारित है। जब उनसे पूछा गया कि भारत भी परीक्षण करेगा तो उन्होंने कहा कि पहले देखते हैं कि वे ऐसा करते हैं या फिर नहीं।
पाकिस्तान ने भी दी सफाई
अमेरिका के इन आरोपों पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी तुरंत प्रतिक्रिया दी है। एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि हम एकतरफा परीक्षण-रोक नीति पर ही कायम है न ही हमने पहले परमाणु परीक्षण किया था और न ही अब करने वाले हैं हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम पारदर्शिता से दूर है और उसका चीन और उत्तर कोरिया से तकनीकी इस्तेमाल लंबे समय से वैश्विक चिंता का कारण बन चुका है।
भारत की नीति कायम है
भारत की परमाणु नीति 1998 के बाद से ही नो फर्स्ट यूज सिद्धांत पर आधारित है। इसका अर्थ यह है कि किसी भी देश पर पहले भारत कभी भी परमाणु हमला नहीं करेगा परंतु यदि हमला हुआ तो उसका जवाब भी अच्छे से देगा।