चंडीगढ़: पंजाब यूनिवर्सिटी के ग्लोबल एलुमनाई मीट के बाहर देर रात भारी हंगामा देखने को मिला। मिली जानकारी के अनुसार भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। यह हंगामा तब शुरू हुआ जब पुलिस ने छात्र नेता अभिषेक डागर को हिरासत में लेने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस और छात्रों में झड़प भी हुई। मिली जानकारी के अनुसार SOPU के सदस्य और कुछ अन्य छात्र, PUCSC के महासचिव अभिषेक डागर के नेतृत्व में एंटी-प्रोटेस्ट एफिडेविट को वापस लेने की मांग को लेकर पांचवे दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हुए है। वे एफिडेविट की अनिवार्यता खत्म करने और प्रशासन की छात्र-विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
कई दृष्टिबाधित छात्र भी इस आंदोलन में शामिल हैं। रात के समय मौके पर पहुंचे डीएसपी और थाना प्रभारी ने अभिषेक डागर को ड्रिप लगवाने के लिए ले जाने की कोशिश की लेकिन छात्रों ने इसका विरोध किया। देखते ही देखते बड़ी संख्या में छात्र जमा हो गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के बीच बम डिटेक्शन टीम और अतिरिक्त पुलिस बल को भी बुलाया गया। छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रशासन पुलिस के दबाव में उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने घोषणा की है कि मंगलवार दोपहर दो बजे गेट नंबर 2 बंद किया जाएगा। देर रात तक कैंपस में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहा। छात्र नेताओं ने कहा कि भूख हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं। वहीं तीखी नोकझोंक के बाद, डागर अचानक अपनी व्हीलचेयर से खड़े हो गए और कार्यक्रम स्थल की ओर दौड़ पड़े, जिससे पुलिस और कैंपस सुरक्षा को हस्तक्षेप करना पड़ा। इसके बाद एक संक्षिप्त टकराव हुआ, जिसमें विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए गए, इससे पहले कि छात्रों को पीछे धकेल दिया गया।
छात्रों का कहना था कि वे केवल शांतिपूर्वक अपनी बात रखना चाहते थे। उनका मानना था कि अगर विश्वविद्यालय बातचीत में यकीन रखता है तो उन्हें रोका नहीं जाना चाहिए। उन्होंने एफिडेविट को वापस लेने की मांग दोहराई। छात्रों ने यह भी स्पष्ट किया कि वे विश्वविद्यालय के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि उस नीति के खिलाफ हैं जो छात्रों की आवाज को दबाती है। उन्होंने कहा कि वे अपना यह लोकतांत्रिक संघर्ष जारी रखेंगे।