ऊना/सुशील पंडित: आयुष विभाग ऊना के तत्वावधान में महिलाओं के स्वास्थ्य व जागरूकता को लेकर राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय तलमेहड़ा की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. जागृति दत्ता द्वारा हिमोत्कर्ष आई.टी.आई. ऊना में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर छात्राओं को मासिक धर्म स्वच्छता, संतुलित आहार, मानसिक स्वास्थ्य तथा स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में डॉ. जागृति दत्ता ने कहा कि मासिक धर्म के दौरान शरीर की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस अवधि में सैनिटरी पैड को हर 3 से 6 घंटे में बदलना, शरीर को स्वच्छ रखना और संतुलित व पौष्टिक आहार लेना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि गलत आहार-विहार, जंक फूड का सेवन, देर रात तक जागना तथा शारीरिक निष्क्रियता जैसी आदतें पीसीओडी जैसी बीमारियों का कारण बन सकती हैं।
डॉ. जागृति दत्ता ने छात्राओं को यह भी समझाया कि एक स्वस्थ जीवनशैली के लिए नियमित व्यायाम, योग, ध्यान, पर्याप्त नींद (7 से 8 घंटे) और सकारात्मक सोच को अपनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, इसलिए तनावमुक्त जीवन जीने के लिए ध्यान और आध्यात्मिक साधना को दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए।
इस अवसर पर शिक्षिका पूनम मोदी ने छात्राओं को ध्यान साधना का अभ्यास करवाया और उन्हें मोबाइल फोन का प्रयोग सीमित रूप में करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मोबाइल का अधिक उपयोग मानसिक थकान और एकाग्रता में कमी का कारण बनता है। उन्होंने छात्राओं को सकारात्मक विचार अपनाने और नकारात्मक सोच व संगति से दूर रहने का संदेश दिया।
कार्यक्रम में हिमोत्कर्ष महिला मंच सदस्य रमा कंवर ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को अपने स्वास्थ्य और आत्मविश्वास पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि एक स्वस्थ महिला ही सशक्त समाज की नींव रख सकती है। रमा कंवर ने सभी छात्राओं से स्वस्थ आदतें अपनाने, संतुलित भोजन लेने और नियमित रूप से योग एवं व्यायाम करने की अपील की।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित छात्राओं ने भी अपने विचार साझा किए और कहा कि इस प्रकार के जागरूकता सत्र से उन्हें कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त हुईं, जो उनके दैनिक जीवन में उपयोगी सिद्ध होंगी। इस अवसर पर हिमोत्कर्ष संस्थान से रंजू देवी,मीना ठाकुर,निशा व छात्राएं उपस्थित थी।