केरलः ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप को लेकर देशभर में दहशत मची हुई है। कथित रूप से ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप पीने से राजस्थान और मध्य प्रदेश में 12 बच्चों की मौत हो गई है। इस घटना के बाद से मध्य प्रदेश और तमिलनाडू में यह सिरप बैन कर दी गई है। दूसरी ओर तमिलनाडु के बाद शनिवार को मध्य प्रदेश और केरल ने भी कोल्ड्रिफ (Coldrif) सिरप बेचने पर रोक लगा दी गई। मिली जानकारी के अनुसार तमिलनाडु एफडीए की जांच में कोल्ड्रिफ कफ सीरप में खतरनाक केमिकल डायथिलीन ग्लाइकॉल मिलने का खुलासा हुआ। ये केमिकल किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। यह जांच मध्यप्रदेश सरकार के अनुरोध पर की गई थी।

इससे पहले मध्यप्रदेश और केंद्र सरकार की लैब जांच में किसी मिलावट की पुष्टि नहीं हुई थी। अब नए खुलासे के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि 6 राज्यों में इस कंपनी की 19 दवाओं की जांच चल रही है। इस घटना ने एक बार फिर दवा निर्माण में सुरक्षा मानकों और निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।तमिलनाडु में ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप की विनिर्माण इकाई से मिसे सैंपल में आवश्यकता है अधिक मात्रा में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) पाया गया है।
राजस्थान में कप सिरप पीने से भरतपुर और सीकर में एक-एक मौतें सामने आई हैं। शुरुआती जांच में Dextromethorphan hydrobromide syrup ip का नाम सामने आया। यह दवाई एक निजी फार्मा कंपनी केसंस फार्मा तैयार करती है। यहां भी बच्चों की मौत की वजह किडनी फेल होने की बात बताई गई। इसके बाद शनिवार को सरकार एक्शन में आई। राजस्थान सरकार ने केसंस फार्मा की सभी 19 प्रकार की दवाइयों पर रोक लगा दी है। राज्य के ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा को निलंबित कर दिया। इससे पहले, शर्मा ने कंपनी को जांच में क्लीन चिट दी थी।
एमपी के ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्या ने बताया था कि स्वास्थ्य विभाग ने दोनों कफ सिरप (coldrif व Nextro DS) का प्रोडक्शन रुकवाने के लिए तमिलनाडु और हिमाचल को पत्र लिखा है।तमिलनाडु सरकार ने मप्र की ओर से पत्र मिलते ही 24 घंटे के भीतर कोल्ड्रिफ सिरप (बैच नंबर SR-13) का सैंपल लेकर जांच कराई। इसमें डाईएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) 48.6% मिला, जो एक विषैला पदार्थ है। यह सेहत के लिए हानिकारक है। इसके तुरंत बाद पूरे तमिलनाडु में इसके उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया।