टेक्नोलॉजी: हैकर्स ने पूरी दुनिया में तबाही मचाई हुई है। कई अकाउंट्स हैक करके वह ढेऱों रुपये लेकर फरार हो जाते हैं परंतु इस बार तो गूगल के सीनियर अधिकारियों को हैकर्स ने निशाना बनाया है। Alphabet Inc. की ओर से गूगल को यह चेतावनी दी गई है कि हैकर्स अब अलग-अलग कंपनियों के सीनियर अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं। इन अधिकारियों को मेल भेजे जा रहे हैं। इस मेल में यह दावा किया जा रहा है कि उन्होंने Oracle E-Business Suite से संवेदनशील डाटा चुरा लिया है और यदि वो फिरौती नहीं देंगे तो यह डाटा सार्वजनिक कर दिया जाएगा। सबसे हैरानी की बात यह है कि इन मेल्स का संबंध कुख्यात Clop Ransomware ग्रूप के साथ जोड़ा गया है जो पहले भी बड़े साइबर हमले कर चुके हैं।
पैसा वसूलने की साजिश
गूगल के अनुसार, इन हैकर्स ने ईमेल के जरिए कंपनी के टॉप अधिकारियों को यह कहकर डराने की कोशिश की है कि उनके पास वित्तीय और ऑपरेशनल डेटा मौजूद है हालांकि इस मामले में गूगल ने यह साफ कर दिया है कि अब तक ऐसा कोई भी सबूत नहीं मिला जिससे यह साबित होगा कि अभी तक कोई डेटा चोरी हुआ है। ऐसा माना जा रहा है कि यह सिर्फ कंपनियों को डराकर पैसा वसूलने की एक साजिश है। फिलहाल गूगल ने यह जानकारी शेयर नहीं की है कि कितनी कंपनियों या किन अधिकारियों को इस तरह के मेल मिल रहे हैं।
कंपनियों को होगा भारी नुकसान
दुनिया भर की कई बड़ी कंपनियां जैसे कि Oracle E-Business Suite ही इस्तेमाल करती है। इसमें उनका जरुरी वित्तीय और परिचालन संबंधी डेटा सुरक्षित रहता है। यदि वास्तव में उनका डेटा लीक है या इसके लीक होने की खबर फैलती है तो कंपनियों को भारी आर्थिक नुकसान और ब्रांड वैल्यू पर गहरा असर झेलना पड़ेगा। एक्सपर्ट्स की मानें तो कई बार हैकर्स के पास कोई असली डेटा नहीं होता वो सिर्फ धमकी देकर ही कंपनियों से पैसा वसूल करने की कोशिश करते हैं। कई कंपनियां अपना नाम बचाने के लिए फिरौती चुकी भी देती हैं पंरतु इससे साइबर अपराधियों का हौंसला बढ़ जाता है।
कंपनियां ऐसे कर सकती हैं बचाव
.इस तरह के साइबर अपराधियों से बचने के लिए कर्मचारियों को फिशिंगऔर स्पैम ईमेल की पहचान करवानी सिखानी चाहिए।
. संगठन में मल्टी लेयर सिक्योरिटी प्रोटोकॉल लागू करने चाहिए ताकि इस तरह के साइबर हमलों से बचा जा पाए।
. गूगल और साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के अनुसार कंपनियों को तुरंत अलर्ट होने की जरुरत है ताकि साइबर अपराधियों से बचा जा पाए।
. नेटवर्क सिक्योरिटी और डेटा एन्क्रिप्शन की नियमित जांच होनी चाहिए।
इससे यह पता चलता है कि साइबर अपराधी सिर्फ डेटा ही चोरी नहीं करते बल्कि उसके नाम पर कंपनियों को ब्लैकमेल करके पैसे भी लेने की कोशिश कर रहे हैं।