चंडीगढ़ः वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने विधानसभा में प्रताप सिंह बाजवा की ज़मीन खरीद के रिकॉर्ड का खुलासा किया। वित्त मंत्री ने कहा कि बाजवा साहब हर मुद्दे पर हाउस कमेटी बनाने की बात करते हैं और गोयल साहेब के इस्तीफे की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि आपकी जमीन गांव फुलड़ा में खरीदी गई थी, जो कि 16.10 मरले थी। उक्त इलाका ब्यास नदी के साथ धूस्सी डैम के अंदर है। किसानों से इस जमीन को इन्होंने 2025 में खरीदा था क्योंकि इन्हें पता था कि रेत आने वाली है।
जब बाजवा कुछ बोलने लगे तो मंत्री चीमा ने कहा, श्रीमान बाजवा एक मिनट रुको। मुझे बताइए क्या यह जमीन आपके पास गांव फुलड़ा में नहीं है। आप हमेशा भाजपा के बुलारे बने रहते हैं। दूसरा गांव पासवाल है, जहां इन्होंने 10 एकड़ जमीन खरीदी थी। यह भी ब्यास नदी के पास धूस्सी डैम के अंदर था। हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि वह विभाग को दोषी ठहराते हैं। क्योंकि उनकी जमीन की रक्षा के लिए 2017 और 2019 में पत्थर के स्टड लगाए गए थे। वे चाहते हैं कि बाजवा की जमीन सुरक्षित हो, किसानों की नहीं।
वे लगातार सरकार पर आरोप लगाते रहते हैं। उन्होंने 25 लाख रुपये की संपत्ति पर 1 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए। इसके जवाब में बाजवा ने कहा कि मैंने किसानों से जमीन खरीदी। मैंने इसका भुगतान किया है। मैंने सरकार को मालिया भरा है। बाजवा ने आगे कहा कि आबकारी मंत्री हर महीने शराब फैक्ट्रियों से पैसे लेते हैं। वे एक डिस्टिलरी से 1.25 करोड़ रुपये लेते हैं और हर महीने 35 से 40 करोड़ रुपये एकत्र करते हैं और शराब नीति से 12,000 करोड़ रुपये का गबन भी किया है। वित्त मंत्री चीमा ने इसका जवाब देते हुए कहा कि जब हम सच्च बोलते हैं तो वे चिढ़ जाते हैं और इस पर दोनों नेताओं के बीच बहस हो गई।
स्पीकर ने उन्हें शांत करने की कोशिश की और जब हंगामा जारी रहा तो सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। दूसरी ओर, सदन दोबारा शुरू होने पर जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल ने कहा कि प्रताप बाजवा मेरा इस्तीफा मांग रहे हैं। खुद झूठ बोल रहे हैं कि माधोपुर बांध में 7 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि सिर्फ 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। हर बात पर राजनीति की गई है। उन्होंने कहा कि जो काम हमने 3 तीन साल में किया, कांग्रेस और अकाली दल भाजपा ने 70 साल में नहीं किया है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2026 तक 76 प्रतिशत खेतों तक नहरी पानी पहुंचा देंगे।