चंडीगढ़ः पंजाब विधानसभा का बाढ़ पर स्पेशल सेशन चल रहा है। जिसमें सिंचाई मंत्री बरिंदर गोयल ने बाढ़ को लेकर प्रस्ताव पेश किया। सेशन के दौरान केंद्र के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी पास किया है। सिंचाई मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ को लेकर कोई ट्वीट तक नहीं किया। हमारी 20 हजार करोड़ की डिमांड थी लेकिन सिर्फ 1600 करोड़ रुपए दिए गए। जब हमारे मंत्री ने बात करने की कोशिश की तो बात नहीं की। इतनी बुरी हालत होने के बावजूद पीएम हमारे मुख्यमंत्री भगवंत मान को मिलने तक का टाइम नहीं दे रहे। यह पंजाब के साथ केंद्र की नाइंसाफी है। मंत्री ने कहा कि केंद्र ऑपरेशन सिंदूर की वाहवाही लूट रही है लेकिन इसके ड्रोन भी पंजाब में गिरे।
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सेशन के दौरान जब विपक्षी दल कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पूछा कि केंद्र ने कहा कि 12 हजार करोड़ पंजाब सरकार के पास पड़ा हुआ है। इस पर सीएम भगवंत मान और वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि 1500 करोड़ है। सदन को बताया जाए कि प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे या मुख्यमंत्री। बाजवा ने कहा कि जिस दिन प्रधानमंत्री आए, उस दिन मुख्यमंत्री अस्पताल में लेट गए।
वहीं मंत्री ने केंद्रीय मौसम विभाग के अनुमान पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पंजाब में IMD के अनुमान से ज्यादा बारिश हुई, जबकि हम इन्हीं के अनुमान पर निर्भर रहते हैं। हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और पाकिस्तान वाला सारा पानी पंजाब की नदियों में आ गया। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड का कंट्रोल पंजाब सरकार के पास होना चाहिए। मंत्री ने कहा कि मुश्किल वक्त में केंद्र सरकार मदद करती है। हैरानी की बात ये है कि बाढ़ के बाद केंद्र के नेता आए। जख्मों पर मरहम लगाने के बजाय वह नई कहानी कहने लगे। उन्होंने कहा कि माइनिंग ज्यादा हो गई, इस वजह से बाढ़ आई।