नादेड़ः महाराष्ट्र के कई जिलों में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। कई जगह नदियां उफान पर हैं। सड़कें तालाब बन गई हैं और कई जगह लोगों के घर जलमग्न हो गए हैं। यही नहीं फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है। वहीं नांदेड़ – मुखेड़ तालुका में रात को हुई भारी बारिश के कारण भिंगोली, भेंडेगांव, हसनाल, रावनगांव, भसवाड़ी, सांगवी भदेव समेत कई गांवों में बाढ़ आ गई है। इसी के साथ कई घर पानी में डूब गए हैं। वहीं कई वाहन पानी में फंस गए। घटना की वीडियो भी सामने आई है। दूसरी ओर प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में सतर्कता बरतने के लिए कहा है। सोलापुर की सीना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। मोहोल तालुका समेत माढा और दक्षिण सोलापुर तालुकों से बहने वाली नदी इस समय उफान पर हैं, नदी का प्रवाह बेहद तेज है।
ऐसे में नदी किनारे बसे गांवों और फसलों के लिए खतरा पैदा हो गया है। प्रशासन ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। धाराशिव (उस्मानाबाद) में पिछले चार दिनों से जारी बारिश ने किसानों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। 108 गांवों में 38 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। यही नहीं 53 मवेशी भी बाढ़ के पानी में बह गए। राजस्व और कृषि विभाग ने शुरुआती रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। बताया गया है कि सबसे ज्यादा नुकसान सोयाबीन फसल को हुआ है।
इसके अलावा नांदेड के मुखेड तालुका में भी बादलों ने कहर बरपाया। यहां कई गांवों में अचानक बाढ़ जैसे हालात बने गए। हसणारा गांव पूरी तरह पानी से घिर गया है और कई नागरिक फंसे हुए हैं। NDRF की टीम बचाव कार्य के लिए रवाना हो गई है। इसके अलावा, मुकरामाबाद गांव में बाढ़ के पानी में 40 से 50 भैंसें डूबकर मर गईं। वहीं, लेंडी धरण के बुडीत क्षेत्र के कई गांवों में पानी भर गया है, जो लोगों के घरों तक जा पहुंचा।
वाशिम में सोमवार तड़के से ही तेज बारिश हो रही है। पैनगंगा, कांच और काटेपुर्णा नदियों में उफान आ गया है। कई मार्गों पर ट्रैफिक ठप हो गया है। सोड-मेहकर मार्ग, धोडप-सरपखेड मार्ग, करडा-गोभणी मार्ग और चिंचांबा-पेडगांव-कवठा मार्ग बंद हो गए हैं। वहीं उतावली नदी में बाढ़ आने से छत्रपती संभाजीनगर-नागपुर पुराने महामार्ग पर भी ट्रैफिक थम गया। पुल से पानी बहने की वजह से दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। समृद्धि महामार्ग का पानी भी उतावली नदी में छोड़े जाने से हालात और खराब हो गए।
बीड और माजलगाव तालुका में भी बारिश ने तबाही मचाई है। सरस्वती और सिंदफना नदियों में बाढ़ आने से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। खेतों में पानी भर गया है और कपास की फसल को भारी नुकसान हुआ है। सरस्वती नदी उफान पर होने से कई मार्ग बंद पड़े हैं। वहीं मौसम विभाग ने कोल्हापुर में रेड अलर्ट जारी किया गया है। यहां लगातार तीन दिनों से हो रही जोरदार बारिश ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। भारी बारिश के चलते इस मानसून सीजन में पहली बार राधानगरी बांध के सभी स्वचालित गेट खोल दिए गए हैं।