नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ के बाद पूरे देश में घमासान मच चुका है। अब इसी बीच भारतीय सेना की पूर्वी कमान ने 1971 के अखबार की एक पुरानी क्लिप शेयर की है। भारतीय सेना ने यह क्लिप शेयर करते हुए ट्रंप को आईना दिखाने का प्रयास किया है।
भारतीय सेना के पूर्वी कमान ने 5 अगस्त 1971 के अखबार की क्लिप सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट की है। उन्होंने कहा कि 1954 से लेकर 1971 तक अमेरिका ने पाकिस्तान को दो अरब डॉलर के हथियारों की सप्लाई की है। भारतीय सेना ने इस पोस्ट को This Day That Year कैप्शन देते हुए शेयर किया है। इसके साथ ही उन्होंने हैशटैग KnowFacts इस्तेमाल किया है। इस क्लिपिंग में उन्होंने यह बताया है कि कैसे अमेरिका 1971 के युद्ध की तैयारी के लिए दशकों से पाकिस्तान को हथियारों की सप्लाई कर रहा था। आज का दिन युद्ध की तैयारी का साल-पांच अगस्त 1971।
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“This Day That Year” Build Up of War – 05 Aug 1971 #KnowFacts.
“𝑼.𝑺 𝑨𝑹𝑴𝑺 𝑾𝑶𝑹𝑻𝑯 $2 𝑩𝑰𝑳𝑳𝑰𝑶𝑵 𝑺𝑯𝑰𝑷𝑷𝑬𝑫 𝑻𝑶 𝑷𝑨𝑲𝑰𝑺𝑻𝑨𝑵 𝑺𝑰𝑵𝑪𝑬 ’54”@adgpi@SpokespersonMoD… pic.twitter.com/wO9jiLlLQf
— EasternCommand_IA (@easterncomd) August 5, 2025
इस रिपोर्ट में चीन की मदद का भी जिक्र हुआ है। उन्होंने कहा कि बीजिंग की ओर से भी युद्ध से पहले पाकिस्तान को मदद पहुंचाई गई थी। उस समय यह आर्टिकल तत्कालीन रक्षा मंत्री के राज्यसभा में दिए गए बयान के आधार पर प्रकाशित हुआ था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भारत रुस से भारी मात्रा में कच्चा तेल खरीद रहा है और फिर उस तेल का बड़ा हिस्सा अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंच दामों पर बेचकर भारी मुनाफा कमा रहा है।
ट्रंप के इन आरोपों के बाद से ही भारत सरकार ने सख्त प्रतिक्रिया दी थी। विदेश मंत्रालय ने अमेरिका और यूरोपीय संघ के द्वारा भारत की आलोचना पर भी कड़ा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीय जयसवाल ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा था कि भारत पर निशाना साधना न सिर्फ गलता है बल्कि खुद इन देशों की कथनी और करनी में भी फर्क को उजागर करता है।
जायसवाल ने आगे कहा था कि भारत को रुस से तेल आयात शुरु करने के लिए भी बाध्य होना पड़ा क्योंकि युक्रेन संघर्ष शुरु होने के बाद पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं ने अपनी आपूर्ति यूरोप की ओर मोड़ दी थी। उस समय अमेरिका ने खुद भारत को ऐसे कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया था ताकि वैश्विक ऊर्जा बाजार स्थित रह पाए।