संगरूरः पंजाब सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाई गई पुलिस ने जेल में एक बड़े तस्करी रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस मामले में एक डीएसपी समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। मामले की जानकारी देते हुए डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि पुलिस ने जेल परिसर के भीतर संचालित एक सुव्यवस्थित तस्करी रैकेट का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर संगरूर जेल में छापेमारी की। जिसके बाद भारी मात्रा में सामान बरामद किय गया। डीजीपी ने बताया कि जेल से 9 फोन, 4 स्मार्ट घड़ी, 50 ग्राम अफीम सहित अन्य सामान बरामद किया गया।

प्रारंभिक जांच में चौथी श्रेणी के एक कर्मचारी की संलिप्तता का पता चला, जिसने जेल के भीतर तस्करी के कामों को सुगम बनाने में अहम भूमिका निभाई। जांच के विस्तार से आगे की गिरफ्तारियां की गई। जिसके बाद जांच में अमृतसर से मनप्रीत सिंह की गिरफ़्तारी हुई है, जो कैदी गुरविंदर सिंह का सहयोगी है। वर्तमान में वह संगरूर जेल में बंद है। मनप्रीत सिंह के परिसर की तलाशी के दौरान 4 किलो हेरोइन, 5.5 लाख की ड्रग मनी, एक ग्लोक पिस्टल सहित कारतूस बरामद किए गए।
डीजीपी गौरव ने कहा कि जेल में सुरक्षा में तैनात डीएसपी गुरप्रीत सिंह की गिरफ़्तारी से जांच में एक चौंकाने वाला मोड़ आया है। डीजीपी गौरव यादव ने खुलासा करते हुए कि डीएसपी जेल परिसर में नशीले पदार्थों और मोबाइल फोन की तस्करी में सक्रिय रूप से शामिल था। उसके परिवार के सदस्यों से जुड़े खातों में किए गए यूपीआई भुगतानों के ज़रिए उसकी अवैध गतिविधियों का पता लगाया गया।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति डीजीपी गौरव यादव ने आपराधिक तत्वों के साथ किसी भी तरह की आंतरिक मिलीभगत के खिलाफ पंजाब पुलिस की जीरो टॉलरेंस नीति पर जोर दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच जारी है, और आगे और गिरफ्तारियां और खुलासे होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, “किसी भी व्यक्ति को – चाहे उसका पद या ओहदा कुछ भी हो – अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर बख्शा नहीं जाएगा।”