नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर करवाकर केंद्र सरकार ने भारत माता के महान सपूत और सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री का सरासर अपमान किया है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने यह भी कहा कि सरकार को देश के इस महान सपूत और उनकी गौरवशाली कौम के प्रति आदर दिखाना चाहिए था।
भारत में आर्थिक सुधारों के जनक कहे जाने वाले पूर्व वित्त मंत्री और दो बार प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार को निधन हो गया था। वह 92 साल के थे। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ निगमबोध घाट पर किया गया।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “भारत माता के महान सपूत और सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार आज निगमबोध घाट पर करवाकर वर्तमान सरकार द्वारा उनका सरासर अपमान किया गया है।” उन्होंने कहा कि एक दशक के लिए वह भारत के प्रधानमंत्री रहे और उनके दौर में देश आर्थिक महाशक्ति बना और उनकी नीतियां आज भी देश के गरीब और पिछड़े वर्गों का सहारा हैं।
राहुल गांधी के मुताबिक, आज तक सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों की गरिमा का आदर करते हुए उनके अंतिम संस्कार अधिकृत समाधि स्थलों में किए गए, ताकि हर व्यक्ति बिना किसी असुविधा के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दे पाए। उन्होंने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह हमारे सर्वोच्च सम्मान और समाधि स्थल के हकदार हैं। सरकार को देश के इस महान पुत्र और उनकी गौरवशाली कौम के प्रति आदर दिखाना चाहिए था।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने आरोप लगाया कि मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए यथोचित स्थान न उपलब्ध कराकर सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री के पद की गरिमा, मनमोहन सिंह जी की शख्सियत, उनकी विरासत और खुद्दार सिख समुदाय के साथ न्याय नहीं किया।
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, इससे पहले सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों को सर्वोच्च सम्मान और आदर दिया गया था। डॉ. मनमोहन सिंह जी इस सम्मान और समाधि स्थल के हकदार हैं। आज पूरी दुनिया उनके योगदान को याद कर रही है। प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार को इस मामले में राजनीति और तंगदिली से हटकर सोचना चाहिए था।”
उन्होंने कहा, आज सुबह डॉ. मनमोहन सिंह जी के परिवारजनों को चितास्थल पर जगह के लिए मशक्कत करते, भीड़ में जगह पाने की कोशिश करते, और जगह के अभाव में आम जनता को परेशान होते और बाहर सड़क से ही श्रद्धांजलि देते देखकर ये महसूस हुआ।