फिरोजपुर : आईजी के नाम पर 50 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के मामले में बड़ी खबर सामने आई है। साढ़े तीन साल पुराने बाबा दयाल दास हत्याकांड में शिकायतकर्ता को डरा धमका कर तत्कालीन आईजी फरीदकोट प्रदीप कुमार यादव के नाम पर 50 लाख रुपये रिश्वत मांगने व 20 लाख की वसूली करने के मामले में नामजद आरोपियों में सब इंस्पेक्टर खेमचंद पराशर ने वीरवार को फिरोजपुर स्थित थाना विजीलेंस ब्यूरो में आत्मसमर्पण कर दिया। इसी केस में एक अन्य आरोपी महंत मलकीत सिंह ने एक दिन पहले बुधवार को फरीदकोट अदालत में आत्मसमर्पण किया था जिसे अदालत ने न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश सुनाया गया था।
विजीलेंस ब्यूरो इस मामले में तत्कालीन डीएसपी फरीदकोट सुशील कुमार को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है और अब दो आरोपियों के आत्मसमर्पण के बाद केस में नामजद 5 आरोपियों में से 2 आरोपियों तत्कालीन एसपी फरीदकोट गगनेश कुमार व जसविंदर सिंह जस्सी ठेकेदार की तलाश जारी है। जानना जरूरी है कि बाबा दयाल दास हत्याकांड में घटना के समय ही मोगा के गांव कपूरे के रहने वाले संत जरनैल दास को बतौर मुख्य आरोपी नामजद किया गया था जिसे पुलिस ने जांच के आधार क्लीन चिट दे दी थी। शिकायतकर्ता बाबा गगन दास के पैरवी करने पर आईजी फरीदकोट रहे प्रदीप कुमार यादव ने एसपी गगनेश कुमार की अध्यक्षता में एसआईटी बनाई, जिसमें डीएसपी सुशील कुमार व एसआई खेमचंद पराशर को भी शामिल किया गया।
तीनों अधिकारियों ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी जनरैल दास को दोबारा केस में नामजद करवाने के लिए शिकायतकर्ता गगन दास से आईजी के नाम 50 लाख की रिश्वत मांगनी शुरू कर दी और डरा धमकाकर 20 लाख की वसूली भी कर गए। रिश्वत के लेनदेन में गौशाला सिखांवाला के प्रमुख महंत मलकीत दास व फरीदकोट के जसविंदर सिंह जस्सी ठेकेदार ने भी भूमिका निभाई। रिश्वत लेकर जब जनरैल दास पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो गगन दास ने डीजीपी पंजाब से शिकायत कर दी जिन्होंने डीआईजी फिरोजपुर की निगरानी में एसआईटी से जांच करवाई और आरोपों की पुष्टि होने पर तीनों पुलिस अधिकारियों व उनके दोनों सहयोगियों के खिलाफ थाना सदर कोटकपूरा में केस दर्ज हुआ जिसकी जांच अब विजीलेंस ब्यूरो कर रहा है। इस मामले में एसपी गणेश अभी भी गिरफ्त से बाहर है।