Loading...
- Advertisement -
HomeBreaking Newsकार और होम लोन फिर होंगे महंगे, RBI ने Repo Rate में...

कार और होम लोन फिर होंगे महंगे, RBI ने Repo Rate में की बढ़ौतरी

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

नई दिल्लीः रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक बार फिर आम आदमी को झटका दिया है। आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट या 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इसके बाद सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे. देश में महंगाई काबू में आने के बाद भी आरबीआई ने दरों में बढ़ोतरी का फैसला लिया है।

6.50 फीसदी पर पहुंचा रेपो रेट 

देश में महंगाई दर का आंकड़ा कम होने के बाद भी रिजर्व बैंक ने लगातार छठी बार नीतिगत दरों (Repo Rate) में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। इसके बाद रेपो रेट 6.25% से बढ़कर 6.50% हो गया है। यानी होम लोन से लेकर ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगा हो जाएगा और आपको ज्यादा इएमआई चुकानी होगी। देश का आम बजट पेश किए जाने के बाद ये आरबीआई एमपीसी की बैठक थी और इसमें फिर से आम आदमी के झटका लगा है।

छह बार में इतनी हुई बढ़ोतरी

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को तीन दिवसीय एसपीसी बैठक (MOC Meet) में लिए गए फैसलों का ऐलान किया। बता दें एक्सपर्ट्स पहले से रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी किए जाने की संभावना जता रहे थे. गौरतलब है कि इससे पहले दिसंबर 2022 में हुई एमपीसी बैठक में ब्याज दरों को 5.90% से बढ़कर 6.25% किया गया था। आरबीआई ने बीते साल से अब तक छह बार रेपो रेट में इजाफा करते हुए कुल 2.50% की बढ़ोतरी की है।

6 में से चार सदस्यों ने किया समर्थन

आरबीआई एमपीसी की बैठक में शामिल छह में से 4 सदस्यों ने रेपो रेट में इजाफे का समर्थन किया। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक में लिए गए फैसलों का ऐलान करने के साथ ही महंगाई को लेकर भी अनुमान जाहिर किया। केंद्रीय बैंक द्वारा चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ के सकल के अनुमान को 6.8 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी किया गया है। वहीं अगले वित्त वर्ष में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 6.4 फीसदी रहने का अनुमान रखा गया है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई 6.5 फीसदी और अगले वित्त वर्ष में 5.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।

रेपो रेट का ईएमआई पर ये असर

आरबीआई द्वारा निर्धारित रेपो रेट सीधे बैंकों के लोन को प्रभावित करता है। अगर इसकी दरें बढ़ती हैं तो लगभग होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन सभी तरह का लोन महंगा हो जाएगा। दरअसल, रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई (RBI) बैंकों को कर्ज देता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर बैंकों को आरबीआई पैसा रखने पर ब्याज देती है। रेपो रेट के कम होने से लोन की EMI घट जाती है, जबकि रेपो रेट में बढ़ोतरी से सभी तरह का लोन महंगा हो जाता है और इसी क्रम में ईएमआई में भी इजाफा देखने को मिलता है।

FPI फ्लो में सुधार के संकेत

RBI गवर्नर ने आगे बताया कि करंट अकाउंट डेफिसिट की स्थिति में सुधार हुआ है। चालू खाता घाटा दूसरे हाफ में कम होने की उम्मीद है। इसके अलावा जुलाई 2022 से एफपीआई फ्लो में सुधार के संकेत मिले हैं। शक्तिकांत दास का कहना है कि पिछले करीब 3 साल में विभिन्न चुनौतियों के कारण दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के लिए मॉनेटरी पॉलिसी के स्तर पर चुनौती रही है। उन्‍होंने यह भी कहा कि कमजोर ग्‍लोबल डिमांड, मौजूदा आर्थिक माहौल घरेलू ग्रोथ को प्रभावित कर सकता है।

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest News

- Advertisement -
- Advertisement -

You cannot copy content of this page