नई दिल्लीः एक देश से दूसरे देश जाने के लिए हवाई जहाज़ सबसे तेज़, आरामदायक और सुरक्षित साधन माना जाता है। भले ही इसकी कीमत कुछ अधिक हो, लेकिन लोग इसका चयन इसलिए करते हैं क्योंकि यह सीधे मंज़िल तक पहुँचने का सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि यदि किसी देश में एयरपोर्ट ही न हो, तो आप वहाँ कैसे पहुँचेंगे?
यह थोड़ा असंभव सा लगता है, लेकिन दुनिया में ऐसे कई देश हैं जहां एक भी हवाई अड्डा नहीं है। इसके बावजूद ये देश टूरिज्म के मामले में पीछे नहीं हैं। इन देशों में साल भर लाखों टूरिस्ट आते हैं, और वो भी बिना हवाई यात्रा के। आइए जानते हैं ऐसे 5 अनोखे देशों के बारे में…
1. Vatican City :– दुनिया का सबसे छोटा देश
वेटिकन सिटी दुनिया का सबसे छोटा देश है, जिसका कुल क्षेत्रफल केवल 44 हेक्टेयर है। यह देश इटली की राजधानी रोम के बीचों-बीच स्थित है और कैथोलिक चर्च का धार्मिक और प्रशासनिक केंद्र माना जाता है। यहां कोई एयरपोर्ट नहीं है, लेकिन नजदीकी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट लियोनार्डो दा विंची इंटरनेशनल एयरपोर्ट (FCO) केवल 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
पर्यटक रोम पहुंचकर आसानी से वेटिकन सिटी तक बस, ट्रेन या टैक्सी के माध्यम से पहुंच सकते हैं। इतना ही नहीं, वेटिकन सिटी में एक हेलीपोर्ट भी है जिसका उपयोग विशेष अवसरों और आधिकारिक दौरों के लिए किया जाता है।
2. Monaco :– रईसों का ठिकाना
मोनाको, फ्रेंच रिवेरा पर स्थित लगभग 2 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाला एक छोटा लेकिन बेहद ग्लैमरस देश है। यह देश अपनी फॉर्मूला वन ग्रैंड प्रिक्स रेस, लक्ज़री कैसिनो, और आकर्षक समुद्र तटों के लिए दुनियाभर में मशहूर है।
मोनाको में कोई एयरपोर्ट नहीं है, लेकिन नजदीकी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट नीस कोटे डी’अजूर (NCE), फ्रांस में स्थित है, जो यहां से केवल 30 किलोमीटर दूर है। पर्यटक इस एयरपोर्ट से मोनाको तक कार, बस या ट्रेन द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं।
इसके अलावा, मोनाको में स्थित फॉन्टविएल हेलीपोर्ट से हेलीकॉप्टर सेवा भी उपलब्ध है, जो खासकर अमीर टूरिस्टों और बिज़नेस ट्रैवलर्स के लिए एक तेज़ और शानदार विकल्प है।
3. San Marino :– सबसे पुराना गणराज्य
सैन मारिनो दुनिया का सबसे पुराना संप्रभु गणराज्य माना जाता है, जिसकी स्थापना 301 ईस्वी में हुई थी। यह देश इटली के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित है और अपनी ऐतिहासिक धरोहर, प्राचीन किले और मध्यकालीन वास्तुकला के लिए दुनियाभर के टूरिस्टों को आकर्षित करता है।
सैन मारिनो में कोई एयरपोर्ट नहीं है, लेकिन नजदीकी हवाई अड्डा फेडेरिको फेलिनी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (RMI), रिमिनी (इटली) में स्थित है, जो सैन मारिनो से केवल 16 से 21 किलोमीटर दूर है।
यहां से टूरिस्ट आसानी से कार या बस के माध्यम से सैन मारिनो पहुंच सकते हैं। इसके अलावा, सैन मारिनो में एक हेलीपोर्ट (बोर्गो मेजोर) भी है, जो विशेष यात्राओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
4. Liechtenstein :– स्विट्ज़रलैंड और ऑस्ट्रिया के बीच
लिकटेंस्टीन एक छोटा लेकिन बेहद समृद्ध यूरोपीय देश है, जो स्विट्ज़रलैंड और ऑस्ट्रिया के बीच स्थित है। इसकी भौगोलिक स्थिति पूरी तरह पहाड़ी और संकीर्ण घाटियों से घिरी हुई है, जिसकी वजह से यहां कोई एयरपोर्ट नहीं बनाया जा सका।
हालांकि, टूरिस्ट स्विट्ज़रलैंड के ज्यूरिख एयरपोर्ट या ऑस्ट्रिया के इनसब्रुक एयरपोर्ट से आसानी से लिकटेंस्टीन पहुंच सकते हैं। दोनों देशों से कार, ट्रेन या बस द्वारा यात्रा करना बेहद सुविधाजनक और सुंदर अनुभव होता है।
इसके अलावा, लिकटेंस्टीन में बाल्जर्स हेलीपोर्ट नामक एक हेलीपोर्ट भी मौजूद है, जो विशेष और आधिकारिक यात्राओं के लिए उपयोग होता है।
5. Andorra :– पहाड़ों में बसा स्वर्ग
एंडोरा एक खूबसूरत और शांत यूरोपीय देश है, जो फ्रांस और स्पेन के बीच पाइरेनीज पहाड़ों में बसा हुआ है। इसकी प्राकृतिक सुंदरता, स्की रिसॉर्ट्स और टैक्स-फ्री शॉपिंग इसे पर्यटकों के बीच खास बनाते हैं।
एंडोरा में कोई एयरपोर्ट नहीं है, लेकिन नजदीकी हवाई अड्डा एंडोरा–ला सेउ डी’उर्गेल एयरपोर्ट (LEU) स्पेन में स्थित है, जो केवल 26 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके अलावा, पर्यटक चाहें तो बार्सिलोना (BCN) या टूलूज़ (TLS) जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट्स से भी एंडोरा तक लगभग 3 घंटे की ड्राइव से पहुंच सकते हैं।
एंडोरा में तीन हेलीपोर्ट्स भी हैं, जो खासकर बिजनेस ट्रैवलर्स और हाई-एंड टूरिस्टों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं प्रदान करते हैं।
क्या इन देशों में हेलीकॉप्टर से जा सकते हैं?
इन देशों में एयरपोर्ट न होने की सबसे बड़ी वजह है इनका बेहद छोटा भौगोलिक आकार और प्राकृतिक/भौगोलिक बाधाएं। वेटिकन सिटी और मोनाको जैसे देशों में भूमि इतनी सीमित है कि वहां किसी भी प्रकार का रनवे या हवाई अड्डा बनाना तकनीकी रूप से असंभव है।
वहीं दूसरी ओर, सैन मारिनो, लिकटेंस्टीन और एंडोरा जैसे देश पहाड़ों और ऊँची-नीची टेरेन में बसे हुए हैं। इनकी संकीर्ण घाटियाँ और ऊंची चोटियाँ हवाई अड्डा निर्माण के लिए उपयुक्त जगह नहीं छोड़तीं, जिससे वहां एयरपोर्ट बनाना संभव नहीं हो पाता।
ये हेलीपोर्ट्स वीआईपी टूरिस्ट और ऑफिशियल्स के लिए तेज़ यात्रा का विकल्प प्रदान करते हैं।
क्यों नहीं हैं इन देशों में एयरपोर्ट?
इन देशों का आकार बेहद छोटा है और अधिकतर पहाड़ी क्षेत्र में बसे हैं। हवाई पट्टी बनाने के लिए न तो पर्याप्त ज़मीन है और न ही उपयुक्त स्थल। इसके बावजूद, सड़क, रेल और हेलीकॉप्टर कनेक्टिविटी इतनी सशक्त है कि यात्रियों को किसी तरह की असुविधा नहीं होती।
टूरिज्म पर कोई असर?
इन देशों के पास अपना एयरपोर्ट न होने के बावजूद, उनकी टूरिज्म इंडस्ट्री पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ा है।
वेटिकन सिटी, मोनाको, सैन मारिनो, लिकटेंस्टीन और एंडोरा जैसे देश हर साल लाखों टूरिस्टों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
इनकी अनोखी संस्कृति, समृद्ध इतिहास, और प्राकृतिक सुंदरता टूरिस्टों के लिए बेहद खास अनुभव बनाते हैं। साथ ही, इनकी बेहतर कनेक्टिविटी, जैसे पास के इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स, ट्रेन, बस और हेलीकॉप्टर सेवाएं, यहां तक पहुंचने को आसान और आरामदायक बनाती हैं।
इन देशों ने यह साबित कर दिया है कि एक मजबूत ट्रांसपोर्ट नेटवर्क और आकर्षक टूरिस्ट एक्सपीरियंस किसी भी एयरपोर्ट की कमी को पीछे छोड़ सकते हैं।