पंचकूला: साइबर थाना पुलिस ने साइबर फ्रॉड के दो मामलों में तीन आरोपी गिरफ्तार किए हैं। आरोपियों ने नकली पुलिस अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट करने के नाम पर 5 लाख 90 हजार की ठगी की है। दूसरे मामले में आरोपी के द्वारा इन्वेस्टमेंट के नाम पर 33 लाख 56 हजार रुपये ठगे गए थे।
एसीपी क्राइम अरविंद कंबोज ने जानकारी देते हुए कहा कि गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों से पूछताछ की जाएगी। आरोपियों से ठगे गए पैसे भी रिकवर किए जाएंगे और वह किन-किन मामलों में शामिल है इसकी भी पूछताछ की जाएगी।
साइबर क्राइम थाना पुलिस के इंचार्ज युद्धवीर के नेतृत्व में दो मामलों में तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। एसीपी क्राइम ने बताया कि एक मामले में आरोपी सोनू और दूसरे मामले में मुकंद और पटेल नाम का आरोपी गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने बताया कि एक मामले में आरोपियों के द्वारा हैदराबाद पुलिस का अधिकारी बनकर और वर्दी पहनकर पंचकूला के सेक्टर-26 में रहने वाले सज्जन कुमार नाम के व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट और नकली पुलिस बनकर 59,0000 की ठगी की थी। इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
एसीपी क्राइम ने बताया कि आरोपी ने पुलिस की वर्दी पहनकर नकली पुलिस अधिकारी बनकर वीडियो कॉल के जरिए धमकाया था। उन्होंने सज्जन कुमार को कहा था कि आप आतंकवादी संगठन से जुड़े हुए हैं। आपके खिलाफ हैदराबाद पुलिस में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों पर पहले से ही मामले दर्ज हैं या नहीं इसकी जांच की जा रही है। इस मामले में आरोपियों को कोर्ट में पेश करके दो दिन का रिमांड लिया गया है ताकि ठगे गए पैसे रिकवर किए जा सके।
दूसरे मामले में एसीपी क्राइम अरविंद कंबोज ने बताया कि आरोपी मुकुंद और पटेल गुजरात के रहने वाले हैं।
उनके द्वारा इनवेस्टमेंट करवाने के नाम पर फर्जी एप्लीकेशन इंस्टॉल करके 33 लाख 56 हजार रुपये की ठगी की गई। इस मामले में भी दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को पुलिस रिमांड के दौरान ठगे हुए पैसे भी रिकवर किए जाएंगे।
इन पर पहले से कौन-कौन से मामले दर्ज हैं इसकी भी जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि डिजिटल अरेस्ट मामले में गिरफ्तार आरोपी हरियाणा के खरखौदा का रहने वाला है। वह नकली पुलिस अधिकारी बनकर ठगी करता है। दूसरे मामले में इनवेस्टमेंट के नाम पर 33 लाख की ठगी करने वाला आरोपी गुजरात का रहने वाला है।
दोनों ही मामलों में पुलिस के द्वारा आरोपियों से पूछताछ की जाएगी और इन पर कितने मामले दर्ज हैं। इससे पहले उन्होंने कहां-कहां पर ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया है इस बारे में भी पूछताछ की जाएगी। इस दौरान उनसे ठगे हुए पैसे भी रिकवर किए जाएंगे।