धर्म: हिंदू धर्म में एकादशी की तिथि का बहुत खास महत्व बताया गया है। महीने में 2 एकादशी आती है और साल में कुल 24 एकादशी तिथि होती है। दिसंबर महीने में पड़ने वाली एकादशी को सफला एकादशी के तौर पर जाना जाता है। करियर-कारोबार से लेकर शिक्षा और हर क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए यह एकादशी बहुत ही श्रेष्ठ मानी जाती है। पंचागों के अनुसार, हर साल सफला एकादशी पौष महीने की कृष्ण पक्ष की एकादशी मनाई जाती है परंतु इसकी तिथि को लेकर लोग थोड़े कंफ्यूज है।
कल मनाई जाएगी सफला एकादशी
पौष महीने की सफला एकादशी का व्रत सोमवार को रखा जाएगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, कृष्ण पक्ष की एकादशी 14 दिसंबर की रात 8:46 पर शुरु होगी और 15 दिसंबर की रात 9:20 तक रहेगी। पंचागों के अनुसार, 15 दिसंबर को सफला एकादशी का व्रत और पूजा किया जाएगा।
पूजा विधि
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधि-विधान के साथ की जाती है। सुबह स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें। फिर पूजा स्थान की साफ-सफाई करें। एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और भगवान विष्णु की प्रतिमा रखें। भगवान को गंगाजल छिड़कें और फिर साफ वस्त्र पहनाएं। इसके बाद श्री हरि का श्रृंगार करें और चंदन का तिलक लगाएं। इसके बाद फल, फूल, मिठाई भोग और तुलसी दल अर्पि करें। इसके बाद व्रत कथा का पाठ करें। अंत में भगवान विष्णु की आरती करने के बाद पूजा समाप्त कर दें। पूजा के बाद भगवान विष्णु के सामने कोई भी यदि गलती हुई तो हाथ जोड़कर माफी मांग लें।
एकादशी का महत्व
शास्त्रों में सफला एकादशी के व्रत का बहुत ज्यादा महत्व बताया गया है। पौष कृष्ण की इस एकादशी पर जो भी भक्त पूरे श्रद्धा के साथ व्रत रखकर सभी नियमों का पालन करता है उसके सभी पाप दूर हो जाते है। व्रत के प्रभाव से काम में आने वाली बाधाएं भी दूर होती है और व्यक्ति को जीवन में सभी क्षेत्र में सफलता मिलती है। इस व्रत को करने से जीवन में आ रही बाधाएं