धर्मः अक्सर देखा होगा कि लोग दिन-रात पूरी मेहनत करत हैं, लेकिन फिर भी जिंदगी में वैसी तरक्की नहीं मिल पाती जिस उम्मीद से मेहनत की होती है। इसके पीछे कई कारण हो सकते है। कई बार इसकी वजह हमारे आसपास के माहौल में छुपी होती है। खासकर हमारे घर की बनावट और दिशा जो सीधे हमारे मन, सोच और निर्णय लेने की ताकत पर असर डालती है। भारत में वास्तु शास्त्र को हजारों सालों से माना जाता रहा है। इसका सीधा रिश्ता सिर्फ घर की सुंदरता या सजावट से नहीं, बल्कि हमारी मानसिक स्थिति और जीवन के फैसलों से भी है। घर का नॉर्थ-ईस्ट यानी उत्तर-पूर्व दिशा को बहुत ही पवित्र और सकारात्मक दिशा माना गया है। यह दिशा हमारी सोच, समझ और मानसिक ऊर्जा से जुड़ी होती है।
अगर उत्तर-पूर्व दिशा में टॉयलेट बना दिया जाए तो वहां से निकलने वाली ऊर्जा हमारे दिमाग को प्रभावित करती है। इससे सोचने और समझने की क्षमता कमजोर होने लगती है। आप चाहे जितने भी होशियार हों, आपके लिए सही फैसला लेना मुश्किल हो जाता है। ऐसा इंसान हमेशा किसी न किसी उलझन में फंसा रहता है, चाहे वो रिश्तों की बात हो या करियर की।
वहीं अगर किचन उत्तर-पूर्व दिशा में बना हो, तो वहां की गर्मी और तेज ऊर्जा, दिमाग की ठंडक को कम कर देती है। इसका असर ये होता है कि व्यक्ति बहुत जल्दी गुस्से में आ जाता है, फोकस नहीं कर पाता और उसका ध्यान बार-बार भटकता है। ऐसे में कोई भी लक्ष्य हासिल करना मुश्किल हो जाता है। अगर आपके घर में उत्तर-पूर्व दिशा में टॉयलेट या किचन है, तो बिना तोड़फोड़ किए भी कुछ उपाय किए जा सकते हैं। जैसे कि उस दिशा को हमेशा साफ रखें, वहां हल्की पीली या सफेद लाइट का इस्तेमाल करें और वहां रोज कुछ समय ध्यान लगाएं। कुछ खास वास्तु उपायों से भी सुधार किया जा सकता है।