नई दिल्लीः यमुना के विकाराल रूप ने पूरी दिल्ली को डुबा दिया है। यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद दिल्ली के कई इलाके जलमग्न हो गए है। दिल्ली में तबाही मचाने के बाद अब यमुना आगरा पहुंच चुकी है। आगरा में यमुना नदी 495.8 फीट तक बढ़ गई, जो ‘निम्न बाढ़ स्तर’ के निशान को पार कर गई और सोमवार को ताज महल की दीवारों तक पहुंच गईष ऐसा 45 साल बाद हुआ जब यमुना का पानी ताज महल तक पहुंच गया।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो में साफ तौर पर देखआ जा सकता है कि यमुना के पानी को राजसी स्मारक के पीछे स्थित एक बगीचे को डूबते हुए देखा जा सकता है। आखिरी बार यमुना विश्व धरोहर स्थल के करीब 1978 की बाढ़ के दौरान पहुंची थी। जल स्तर 495 फीट के ‘निम्न-बाढ़ स्तर’ को पार करते हुए 497.9 फीट तक पहुंच गया था। जिसके बाद आज ये दृष्य 45 साल बाद देखने को मिल रहा है।
हालांकि, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के संरक्षण सहायक का कहना है कि बाढ़ का पानी ताज महल के अंदर प्रवेश नहीं कर सकता। क्योंकि ताजमहल में स्थित मुख्य मकबरे को बाढ़ का सामना करने के लइए बनाया गया है। स्मारक की योजना सावधानीपूर्वक बनाई गई थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारी बाढ़ के दौरान भी पानी मुख्य संरचना में प्रवेश न कर सके। एहतियात के तौर पर, अधिकारियों ने बाढ़ से बचने के लिए सिकंदरा में कैलाश मंदिर से लेकर ताज महल के पास दशहरा घाट तक नदी घाटों पर बैरिकेड्स लगा दिए हैं। आगरा में बाढ़ जैसी स्थिति के बीच अधिकारियों ने राहत तैयारियां तेज कर दी हैं। जैसे ही नदी में उफान आनी शुरू हुआ, इसने आस-पास की सड़कों और ताजगंज में एक श्मशान में पानी भर दिया और एतमादुद्दौला स्मारक की दीवार को छू लिया। बाढ़ वाली नदी में गिरने वाले नालों के बैकफ्लो के कारण ताज महल की ओर जाने वाली यमुना किनारा रोड पर भी जलभराव हो गया है।