नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली बाढ़ में डूब रही है। आज सुबह 8 बजे पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जल स्तर 208.42 मीटर रेकॉर्ड किया गया। महात्मा गांधी की समाधि राजघाट के मेन गेट तक यमुना का पानी पहुंच गया है। राजघाट दिल्ली की अहम सड़क रिंग रोड पर है और यमुना नदी के करीब है। कल से ही रिंग रोड पर पानी आना शुरू हो गया था, आज राजघाट तक पहुंच गया। यमुना के रास्ते में आने वाले 25 पुलों पर आवागमन प्रभावित हुआ है। हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि बारिश इसके लिए अकेले जिम्मेदार नहीं है।
दिल्ली में पिछले चार दिनों में बहुत कम या बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई है फिर भी नदी का जल स्तर बढ़ा और बढ़ता ही गया। हरियाणा में हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने को लेकर काफी कुछ कहा जा रहा है। हालांकि यमुना एक्टिविस्ट और साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स के एसोसिएट कोऑर्डिनेटर भीम सिंह रावत ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, ‘केंद्रीय जल आयोग का डेटा बताता है कि इस साल हथिनीकुंड बैराज से सबसे ज्यादा 3.59 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। डेटा बताता है कि 2019 और 2013 में 8 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया था लेकिन बाढ़ की स्थिति इतनी खराब नहीं थी।’ ऐसे में यह समझना महत्वपूर्ण हो जाता है कि दिल्ली में बाढ़ क्यों आई?
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