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Ganesh Chaturthi: इस शुभ मुहूर्त में करें गौरीपुत्र गणेश की पूजा, जानें विधि

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धर्म: हर साल भादो शुक्ल चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है और चतुर्दशी तिथि वाले दिन गणेश विसर्जन के साथ इसका समापन होता है। यह त्योहार भगवान गणेश को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस पवित्र घड़ी में भगवान गणेश धरती पर आते हैं और भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस साल यह पर्व 27 अगस्त से 6 सितंबर तक मनाया जाएगा।

गणपति स्थापना का मुहूर्त

हिंदू पंचागों की मानें तो भादो शुक्ल चतुर्थी 26 अगस्त को दोपहर 1:54 बजे से लेकर 27 अगस्त दोपहर 3:44 तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, गणेश चतुर्थी 27 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान गणेश की स्थापना होगी वहीं गणपति स्थापना मध्याह्न काल में शुभ होती है ऐसे में 27 अगस्त को सुबह 11:05 से लेकर दोपहर 1:40 तक गणपति स्थापना आप कर सकते हैं।

इसलिए अलग-अलग मूर्तियां की जाती है स्थापित

भगवान गणेश की अलग-अलग मूर्तियां अलग-अलग परिणाम देती है। पीले और लाल रंग की मूर्ति की उपासना शुभ मानी जाती है। नीले रंग के गणेश को उच्छिष्ट गणपति कहते हैं। इनकी उपासना भी विशेष दिशाओं में की जाती है। हल्दी से बनी हुई मूर्ति को हरिद्रा गणपति कहते हैं। यह विशेष मनोकामनाओं के लिए बेहद शुभ मानी जाती है। एकदंत गणपति श्यामवर्ण के होते हैं इनकी उपासना से अद्भूत पराक्रम मिलता है। सफेद गणपति को ऋणमोचन कहते हैं इनकी पूजा करने से व्यक्ति को कर्ज से मुक्ति मिलती है। चार भुजाओं वाले रक्त वर्ण गणपति को संकष्टहरण गणपति कहते हैं। इनकी उपासना करने से संकटों का नाश होता है। त्रिनेत्र धारी रक्तवर्ण और दस भुजाधारी गणेश को महागणपति कहते हैं। इनके अंदर समस्त गणपति समाहित है। वैसे घरों में पीले रंग या रक्त वर्ण के मध्यम आकार वाली प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए।

ऐसे करें स्थापना

घर की उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या पूर्व दिशा में एक चौकी लगाए। फिर उस पर लाल कपड़ा बिछाएं। चौकी पर हल्दी के साथ स्वास्तिक बनाएं और वहां चावल अर्पित करें। इसके बाद गणपति जी की मूर्ति को दूध, शहद, घी और गंगाजल के साथ स्नान कराएं। फिर चौकी पर भगवान की मूर्ति को स्थापित करें। मूर्ति की स्थापित करते हुए ऊं गं गणपतेय नम: मंत्र का जाप करें। इसके बाद एक कलश में गंगाजल भरकर उसके मुख पर आम के पत्ते और नारियल रख दें। दीपक और अगरबत्ती जलाएं। फिर गणेश जी को दूर्वा, फल, फूल चढ़ाएं। उनको मोदक या लड्डू का भोग लगाएं। इसके बाद भगवान गणेश की आरती करें और उनके मंत्रों का जाप करें। इसके बाद गणपति बप्पा के जयकारे लगाएं।

गणेश विसर्जन पर ऐसे करें पूजा

यदि आपने घर में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की है तो नियमित तौर पर दोनों समय उनकी पूजा करें। सुबह और शाम के समय दीप जलाकर बप्पा की पूजा करें। उनको पीले फूल और दूर्वा चढ़ाएं। जब तक महोत्सव चलेगा उतने दिन सात्विक आहार लें। अनंत चतुर्दशी वाले दिन उपवास रखकर विसर्जन कर दें।

 

 

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