Health: हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य इस रोग के प्रति जागरूकता फैलाना और इसके खात्मे के लिए प्रयासों को प्रोत्साहित करना है। भारत सहित कई देशों में मलेरिया अब भी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बना हुआ है।
मलेरिया बुखार Plasmodium नामक परजीवी के कारण होता है, जो मादा Anopheles मच्छर के काटने से शरीर में प्रवेश करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मलेरिया सिर्फ एक तरह का नहीं होता? आइए जानें इसके 5 प्रकार, उनके लक्षण और इससे कैसे बचा जा सकता है।
> मलेरिया के 5 प्रकार
1. Plasmodium falciparum मलेरिया
- यह सबसे खतरनाक प्रकार है, जो मस्तिष्क तक को प्रभावित कर सकता है।
- यह तेज़ी से शरीर में फैलता है और मृत्यु दर भी सबसे अधिक होती है।
लक्षण:उच्च बुखार (104°F तक), ठंड लगना, बेहोशी या दौरे, पीलिया, गुर्दे की समस्या
2. Plasmodium vivax मलेरिया
- भारत में सबसे आम प्रकार।
- यह लीवर में जाकर छुपा रह सकता है और दोबारा एक्टिव हो सकता है।
लक्षण: ठंड के साथ बुखार, पसीना आना, सिरदर्द और कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द
3. Plasmodium malariae मलेरिया
- यह अपेक्षाकृत कम गंभीर होता है, लेकिन लंबे समय तक शरीर में बना रह सकता है।
लक्षण: बुखार का चक्र हर 72 घंटे में दोहराना, सामान्य थकान, भूख न लगना
4. Plasmodium ovale मलेरिया
- यह अफ्रीका और कुछ अन्य क्षेत्रों में अधिक देखा जाता है, लेकिन भारत में भी केस मिल सकते हैं।
लक्षण: मध्यम बुखार, शरीर में अकड़न, लीवर और तिल्ली का बढ़ना
5. Plasmodium knowlesi मलेरिया
- यह प्रकार आमतौर पर जानवरों में पाया जाता है, लेकिन इंसानों में भी संक्रमण की संभावना है।
लक्षण: बुखार तेजी से बढ़ता है, सांस लेने में तकलीफ, प्लेटलेट्स की तेज़ गिरावट
> मलेरिया को अनदेखा करने के खतरे
अगर समय रहते मलेरिया का इलाज न किया जाए तो यह मस्तिष्क, गुर्दे, लीवर और फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है। खासकर बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों में यह रोग जानलेवा साबित हो सकता है।
> बचाव के उपाय
- मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें।
- पानी जमा न होने दें, क्योंकि वही मच्छरों का प्रजनन स्थल होता है।
- फुल स्लीव कपड़े पहनें, खासकर शाम और सुबह के समय।
- मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में यात्रा से पहले डॉक्टर से सलाह लें।