Loading...
- Advertisement -
HomeInternationalक्या ट्रंप के पीस प्लान से आएगी यूक्रेन में शांति? रुस के...

क्या ट्रंप के पीस प्लान से आएगी यूक्रेन में शांति? रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बताया सच

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

नई दिल्ली: रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि मॉस्को को यूक्रेन में शांति के लिए अमेरिका का प्रस्ताव मिल चुका है। ऐसे में यह योजना संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का आधार बन सकती है। पुतिन ने एक संबोधन में सीनियर अधिकारियों ने कहा कि – ‘मेरा मानना है कि इसे अंतिम शांतिपूर्ण समझौते के आधार के रुप में इस्तेमाल किया जा सकता है’। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना पर रुस के अधिकारियों के साथ अभी विस्तार से चर्चा नहीं हुई है। पुतिन के अनुसार, यूक्रेन इस योजना के खिलाफ है परंतु न तो कीव और न ही यूरोपीय देश इस वास्तविकता को समझ पा रहे हैं कि रुसी सेना यूक्रेन में आगे बढ़ रही है। यदि शांति नहीं हुई तो सेना आगे भी बढ़ती रहेगी।

जेलेंस्की को देनी होगी पीस प्लान को मंजूरी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को मीडिया से कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की को रुस के आक्रमण को रोकने के लिए बनाए गए अमेरिका-समर्थित पीस प्लान को पसंद करना होगा। इस पीस प्लान को अंत में उन्हें मंजूरी देनी पड़ेगी।

दोनों पक्षों की सहमति जरुरी

ओवल ऑफिस में न्यूयॉर्क सिटी के मेयर इलेक्ट जोहरान ममदानी के साथ हुई मुलाकात के बाद ट्रंप ने यह बयान दिया है कि वो इस युद्ध को इससे पहले खत्म करवा लेने की उम्मीद कर रहे थे क्योंकि उनके रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अच्छे संबंध हैं परंतु इसके लिए दोनों पक्षों की सहमति जरुरी होती है। ट्रंप का यह भी कहना है कि आने वाली सर्दी, बढ़ती मौतों की संख्या और यूक्रेन के ऊर्जा संयंत्रों पर लगातार हो रहे हमले इस युद्ध को खत्म करने की तत्कालिता दिखाते हैं। उनका कहना है कि हमारे पास एक प्लान है जो कुछ हो रहा है वो बहुत डरावना है। हमारे पास शांति वापिस लाने का तरीका है या हम मानते हैं कि हमारे पास शांति तक पहुंचने का एक ही रास्त है जिसको जेलेंस्की को मंजूरी देनी होगी।

रुस को होगी आपत्ति

पीस प्लाऩ के मुताबिक, यूक्रेन को कुछ क्षेत्रों को छोड़ना पड़ेगा। अपनी सैन्य क्षमता पर सीमाएं स्वीकार करनी पड़ेगी और नाटो में शामिल होनी की अपनी महत्वकांक्षा भी छोड़नी होगी। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, ड्राफ्ट में कुछ इस तरह के प्रस्ताव भी शामिल है जिस पर मॉस्को को आपत्ति हो सकती है। ऐसे में रुस यह मांग करता है कि वो उन कुछ इलाकों में से अपनी सेना हटा ले जिन्हें उसने कब्जे में लिया हुआ है।

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest News

- Advertisement -
- Advertisement -

You cannot copy content of this page