नई दिल्ली: अमेरिका और चीन के रिश्ते सुधरते हुए दिख रहे हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब एक बड़ा ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर अप्रैल में चीन जाएंगे। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में अपने इस दौरे की घोषणा की है। इससे पहले दोनों नेताओं के बीच में फोन पर भी बात हुई। इस बातचीत को ट्रंप ने बहुत अच्छा बताया है। अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर ट्रंप ने लिखा कि यूक्रेन, रुस, फेंटानिल, सोयाबीन और अन्य खेती से जुड़े मुद्दों पर हमारी बात हुई।
उन्होंने बताया कि किसानों के हित में दोनों देशों के बीच में एक जरुरी समझौता हुआ है। यह आगे और बेहतर होगा। ट्रंप ने यह भी कहा है कि यह बातचीत तीन हफ्ते पहले दक्षिण कोरिया में उनकी सफल मुलाकात के बाद हुई है। दोनों पक्ष हाल के समझौतों को लागू करने में अच्छी प्रगति कर रहे हैं। उन्होंने यह घोषणा भी कर दी है कि अगले साल वो चीन के राष्ट्रपति का अमेरिका में स्वागत करेंगे।
चीन के राष्ट्रपति ने दी प्रतिक्रिया
न्यूज एजेंसी ने भी इस बात की पुष्टि की है। रिपोर्ट्स के अनुसार, शी जिनपिंग ने ताइवान पर चीन का रुख साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि ताइवान का चीन में वापिस आना युद्ध के बीच में इंटरनेशनल ऑर्डर का एक जरुरी हिस्सा है। रिपोर्ट में बताया गया कि राष्ट्रपति ने कहा चीन और अमेरिका ने दूसरे विश्वयुद्ध में फासीवाद और सैन्यवाद के खिलाफ एक साथ मिलकर लड़ाई लड़ी थी ऐसे में दोनों देशों को युद्ध की जीत से जुड़े हुए मूल्यों की रक्षा करनी चाहिए।
चीन और जापान के रिश्ते नहीं अच्छे
इस समय चीन और जापान के बीच भी रिश्ते कुछ अच्छे नहीं चल रहे। दोनों देशों में ताइवान को लेकर कड़ा विवाद चल रहा है। यह विवाद ताइवान स्ट्रेट पर जापान की पीएम साने ताकाइची के बयानों के बाद बढ़ा है। बातचीत के दौरान यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा हुई है। शी ने यह कहा कि चीन हर उस प्रयास का समर्थन करता है जिससे शांति स्थापित हो पाएगी। उन्होंने यह उम्मीद जताई है कि सभी संबंधित पक्ष आपसी मतभेद को कम करेंगे और शांति समझौते की दिशा में काम करेंगे।
ट्रंप प्रशासन ने खोली पोल
ट्रंप प्रशासन के एक सीनियर अधिकारी ने इस बातचीत की पुष्टि भी की है। उन्होंने यह नहीं बताया कि फोन किस पक्ष ने किया था परंतु एक रिपोर्ट के अनुसार, यह बातचीत चीन की ओर से तय करवाई गई थी। यह बात उस समय हुई है जब 30 अक्टूबर को बुसान में ट्रंप और शी की मुलाकात के बाद दोनों देशों ने एक साल के लिए शुल्क नियंत्रण के विवाद को रोकने पर सहमति बनाई थी। दोनों देशों ने कहा था कि इस मुलाकात से आपसी संबंधों को स्थिर करने में मदद मिली है।