नई दिल्ली: यूक्रेन पर रुस के अटैक अभी भी जारी हैं। अब इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने क्रेमलिन को खतरा मानने से मना कर दिया है। ट्रंप प्रशासन की ओर से अमेरिका की नई नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रेटजी जारी की गई है। इस स्ट्रेटजी में अप्रत्याशित तौर पर बड़ा बदलाव किया गया है। नई नीति के अंतर्गत अमेरिका अब रुस को प्रत्यक्ष खतरा नहीं मानेगा और उसके साथ सहयोग करेगा।
ट्रंप ने की पुतिन की तारीफ
रुस ने अभी अमेरिका के इस कदम का पूरे दिल के साथ स्वागत किया है। अमेरिका ने इस कदम को दोनों देशों के रिश्तों के प्रति पॉजिटिव बताया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि जो बदलाव हम देख रहे हैं वो कई मायनों में हमारी दृष्टि के अनुरुप है। यह पहली बार नहीं हुआ है जब राष्ट्रपति ट्रंप और रुसी राष्ट्रपति के रिश्ते अच्छे दिखे हैं। इससे पहले भी कई मौकों पर ट्रंप ने पुतिन की खुलकर तारीफ की है।
प्रशासन ने जारी की नई नीति
ट्रंप प्रशासन का यह फैसला पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा और बाइडेन प्रशासन की नीतियों से बिल्कुल उलट है। 2014 में क्रीमिया को रुस में मिलाने और 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद से अमेरिका लगातार रुस को बड़ा खतरा मानता है। इसके बाद से अमेरिका रुस को हमेशा आक्रामक और वैश्विक व्यवस्था को बिगाड़ने वाला देश बता रहा है परंतु ट्रंप प्रशासन के द्वारा जारी की गई नई रणनीति फ्लेक्सिबल रियलिज्म सिद्धांत पर आधारित है।
बढ़ सकती है मुश्किल
रुस के प्रवक्ता ने यह कहा है कि नई रणनीति नाटो के लगातार फैलते हुए सैन्य गठबंधन की धारणा को खत्म करने और वास्तविकता को रोकने के वादे के उलट है यह क्रेमलिन के लिए उत्साहजनक संकेत है हालांकि उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि राष्ट्रपति ट्रंप के इरादे भले ही अच्छे हो लेकिन अमेरिका का डीप स्टेट यानी की वहां की नौकरशाही और पुरानी व्यवस्था ट्रंप के रास्ते में रोड़े अटकाएगी। अमेरिकी डीप स्टेट की सोच ट्रंप से बहुत अलग है। ट्रंप अक्सर यह आरोप लगाते हैं कि कुछ अधिकारी चुनी हुई सरकार को काम नहीं करने देते।