Lifestyle: गंजेपन की समस्या आजकल बहुत आम हो गई है, और यह पुरुषों तथा महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकती है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है आनुवंशिकता। यदि परिवार में किसी को गंजेपन की समस्या रही है, तो यह समस्या अगली पीढ़ी में भी आ सकती है। इसे मेडिकल भाषा में एंड्रोजेनिक एलोपेसिया कहा जाता है। इसके अलावा हार्मोनल बदलाव भी बाल झड़ने की एक मुख्य वजह है। थायरॉयड, पीसीओडी या मेनोपॉज जैसी स्थितियों में हार्मोन असंतुलन हो जाता है, जिससे बाल गिरने लगते हैं।
एक और बड़ा कारण है तनाव। मानसिक तनाव, चिंता या किसी प्रकार का सदमा व्यक्ति की सेहत के साथ-साथ बालों को भी प्रभावित करता है। जब तनाव अधिक होता है, तो बाल झड़ने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। इसके अलावा खराब पोषण भी गंजेपन की जड़ में हो सकता है। शरीर में प्रोटीन, आयरन, विटामिन D और B12 की कमी से बाल कमजोर होकर टूटने लगते हैं।
संक्रमण और त्वचा रोग भी गंजेपन के पीछे छिपे कारणों में शामिल हैं। स्कैल्प पर फंगल इन्फेक्शन, एलोपेसिया एरिएटा, या अन्य त्वचा संबंधी बीमारियाँ बालों की जड़ों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। साथ ही, कुछ दवाइयाँ और ट्रीटमेंट जैसे कीमोथेरेपी, हार्मोनल दवाइयाँ या स्टेरॉयड्स बालों की सेहत पर बुरा असर डालते हैं।
गंजेपन से बचाव के लिए कुछ सरल लेकिन प्रभावी उपाय अपनाए जा सकते हैं। सबसे पहले, संतुलित आहार लेना जरूरी है जिसमें प्रोटीन, आयरन, विटामिन D, E और B-कॉम्प्लेक्स भरपूर मात्रा में हो। इसके साथ ही तनाव से बचने के लिए योग और ध्यान बेहद उपयोगी होते हैं। बालों की सही देखभाल भी जरूरी है, जैसे नियमित रूप से स्कैल्प की सफाई करना और हल्के हाथों से नारियल, आंवला या अरंडी के तेल से मालिश करना।
इसके अलावा, हेयर डाई, स्ट्रेटनिंग या हेयर जेल जैसे रासायनिक उत्पादों का अधिक इस्तेमाल न करें। यदि बाल अत्यधिक झड़ रहे हैं, तो बिना देरी के त्वचा विशेषज्ञ (Dermatologist) से परामर्श लेना चाहिए। नियमित योग और व्यायाम करने से रक्त संचार अच्छा होता है, जिससे बालों की जड़ों तक पोषण पहुंचता है और बाल मजबूत बनते हैं।