ऊना/सुशील पंडित: 10 दिवसीय मां बगलामुखी महायज्ञ साधना तथा प्रशिक्षण शिविर व धर्म चर्चा के 8 दिवस पर सिंध प्रांत के राजा दाहिर की जीवनी पर चर्चा करते हुए यति सत्यदेवानंद सरस्वती महाराज शिष्य महामंडलेश्वर यति नरसिंहानन्द गिरी जी महाराज ने बताया कि मानवता वादी जब जब भी अपने आप को महान बनाते के चक्कर में मानवता ऐसे लोगों से करते हैं जो मानवता के लायक नहीं होते तब उसकी कीमत उनकी संतानों को चुकानी पड़ती है राजा दाहिर ने मुहम्मद के नवासों को अपने राज्य में उस वक्त शरण दी थी जब अरब में उनके साथ मारकाट की जा रही थी। उन नवासों को मारने के लिए कई हमले हुए बार बार राजा दाहिर अरब के आक्रांताओं को मार भागता था।
कई वर्षों के बाद जब वो मुहम्मद के नवासे बड़े हुए और उनकी संख्या बड़ी और उधर से फिर अरब के आक्रांताओं का हमला हुआ तो नारा ए तकदीर का नारा देकर वो शरणार्थी नवासे उन अरब की सेना से मिल गए और राजा दाहिर को बंधी बना लिया तथा इसकी कीमत उनके राज्य की औरतों और बच्चों ने चुकाई।
उनकी 50 हजार औरतें और बच्चियां बेड़ियों में बांधकर कंधार ले जाई गई और वहां पर उनको एक एक दो दो दीनार में बेचा गया है। यह कीमत आज भी हमारी बच्चियों चुका रही हैं। जो सत्ताधारी और प्रशासन अपने अपने राज्य में इनको अवैध रूप से शरण दे रहे हैं वहां यह लव जिहाद, क़त्ल और भूमि जिहाद जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। यह हमारे धर्माचार्यों और ब्यास पीठों की जिम्मेदारी थी कि समाज को झूठी कहानियों की जगह इन सत्य घटनाक्रम की सच्चाई बताते।
आज समाज को आवश्यकता है जीवित और सच्चे धर्माचार्यों की जो समाज को कम से कम सत्य बताने की हिम्मत कर सही मार्गदर्शन कर सकें। इस अवसर पर आज के यजमान डिप्टी कमांडर सुरेन्द्र सिंह के साथ, गौतम ठाकुर, आयुष राणा, नमन, उमंग, के साथ गांव के लोगों ने आहुति डाल कर पुण्य अर्जित किया।