नई दिल्लीः केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड के अधिकारों को कम करने की सोच रही है। इसके तहत वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन का बिल संसद में पेश होने का कहा जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि आज वक्फ बोर्ड बिल सासंद में पेश नहीं होगा। बताया जा रहा हैकि मौजूदा वक्फ एक्ट में करीब 40 संशोधन हो सकते हैं। इसमें किसी भी जमीन को अपनी प्रॉपर्टी बताकर उसपर कब्जा कर सकने की वक्फ की पावर पर रोक लगेगी।
सेंटर के इस प्रस्ताव का भारी विरोध हो रहा है। वक्फ अरबी भाषा के वकुफा शब्द से बना है, जिसका अर्थ होता है ठहरना। वक्फ का मतलब है ट्रस्ट-जायदाद को जन-कल्याण के लिए समर्पित करना। इस्लाम में ये एक तरह का धर्मार्थ बंदोबस्त है. वक्फ उस जायदाद को कहते हैं, जो इस्लाम को मानने वाले दान करते हैं। ये चल-अचल दोनों तरह की हो सकती है। ये दौलत वक्फ बोर्ड के तहत आती है।
कोई भी वयस्क मुस्लिम व्यक्ति अपने नाम की प्रॉपर्टी वक्फ के नाम कर सकता है। वैसे वक्फ एक स्वैच्छिक कार्रवाई है, जिसके लिए कोई जबर्दस्ती नहीं। इस्लाम में दान-धर्म के लिए एक और टर्म प्रचलित है, जकात। ये हैसियतमंद मुसलमानों के लिए अनिवार्य है। आमदनी से पूरे साल में जो बचत होती है, उसका 2.5 फीसदी हिस्सा किसी जरूरतमंद को दिया जाता है, जिसे जकात कहते हैं।